Lakhimpur Kheri News: महिला अधिवक्ता को धमकी, फर्जी वकील को गोला पुलिस ने भेजा जेल
Lakhimpur Kheri News: यूपी के लखीमपुर खीरी गोला गोकरण नाथ कोतवाली इलाके के भारत भूषण कॉलोनी निवासी पूनम आर्य ने बताया कि वह स्वयं पेशे से एक वकील हैं।
Lakhimpur Kheri News: जिले के गोला गोकरण नाथ कोतवाली इलाके में कई वर्षों से दूसरे के लाइसेंस पर वकालत कर रहे एक व्यक्ति को पुलिस ने न्यायिक हिरासत में भेजा। इतना ही नहीं वकील का नाम भी बार काउंसलिंग में शामिल था, जिसमें वह कोषा अध्यक्ष का चुनाव भी लड़ चुका है। वहीं आरोपी की पत्नी का कहना है कि उसने अपने पति पर जो मुकदमा दर्ज कराया था और जो धाराएं उस पर लगी थी इनमें से 467, 468 एक साजिश के तहत हटा दी गई है। विवेचक रमेश कुमार व अभियोजन अधिकारी की मिलीभगत के चलते धाराएं हटाकर जमानत देने की पूरी प्लानिंग की गई है। फिलहाल संतोष धरती पर लोगों को फर्जी तरह से SC/ST मुकदमे करने के बाद पैसे लेने, फर्जी वकील बन कर लोगों को ठगने जैसे आज कई आरोप हैं। यूपी के लखीमपुर खीरी गोला गोकरण नाथ कोतवाली इलाके के भारत भूषण कॉलोनी निवासी पूनम आर्य ने बताया कि वह स्वयं पेशे से एक वकील हैं। वह अपने पति के चाल चलन को देखते हुए उनसे तलाक ले चुकी हैं।
17 नवंबर को उन्होंने अपने पति संतोष भारती के विरुद्ध गोला कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत कराया था। प्रथम सूचना प्राप्त के साथ ही नामित अभियुक्त संतोष भारती के कृत्यों एवं फर्जी अधिवक्ता होने के साक्ष्य भी संलग्न किया। बताते चलें पुलिस ने 467 .468 .504 .506 धाराएं लगाई। मुकदमा दर्ज होने के पश्चात वह रोज _ रोज हत्या कर देने की धमकी देने लगा जिसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक खीरी, प्रदेश के आला अधिकारियों से की। जिस पर विवेचक ने शिकायतों को बिना तय किए विधि विरुद्ध तरीके से निरस्त कर दिया। हालांकि उसके बाद अथक प्रयास से पुलिस अधीक्षक द्वारा संज्ञान लेने के उपरांत नामित संतोष भारती को कोतवाली गोला पुलिस ने 23 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया।
न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार
पीड़िता का आरोप है कि रिमांड के समय न्यायालय ए0जे0एम - 7 के अभियोजन अधिकारी ने विधि विरुद्ध तरीके से रिमांड प्रापत्रों मे धारा 467, 468, को विलुप्त करते हुए मात्र धारा 420, 504, 506 आईपीसी मेरे न्यायालय के समक्ष विधि विरुद्ध तरीके से धारा 420-504-506- आईपीसी में न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार भेजा है। पीड़िता ने वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से धारा 467 व 468 बढ़ाने के लिए साथ न्याय की गुहार लगाई है।