Lakhimpurkheri News: बेसिक शिक्षा की उज्जवल तस्वीर बना ये विद्यालय, स्मार्ट क्लास में पढ़ रहे नौनिहाल
Lakhimpurkheri News: बेसिक शिक्षा विभाग से संचालित परिषदीय विद्यालयों में शिक्षक एवं छात्रों का अनुशासन अन्य विद्यालयों के लिए मिसाल बन रहे हैं। इसके प्रति अभिभावकों का विश्वास जगा है। शिक्षा क्षेत्र के संविलियन विद्यालय अंबरसोत (नकहा) बेसिक शिक्षा की उज्जवल तस्वीर बनकर उभरा है।
Lakhimpurkheri News: बेसिक शिक्षा विभाग से संचालित परिषदीय विद्यालयों में शिक्षक एवं छात्रों का अनुशासन अन्य विद्यालयों के लिए मिसाल बन रहे हैं। इसके प्रति अभिभावकों का विश्वास जगा है। शिक्षा क्षेत्र के संविलियन विद्यालय अंबरसोत (नकहा) बेसिक शिक्षा की उज्जवल तस्वीर बनकर उभरा है। इंचार्ज प्रधानाध्यापिका श्रुति दीक्षित के नेतृत्व में प्रतिकूल परिस्थितियों व चुनौतियों से लड़कर यहां के शिक्षकों व ग्राम प्रधान ने विद्यालय को संवारने का काम किया।
विद्यालय की सुंदरता करती है बच्चों को आकर्षित
नकहा विकासखंड स्थित संविलियन विद्यालय अंबरसोत का माहौल हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां शिक्षकों ने भौतिक, शैक्षिक परिवेश को शानदार बनाकर परिषदीय विद्यालयों के लिए नजीर पेश की। विद्यालय में बाला मॉडल पेंटिग, टीएलएम, बाल संसद, शैक्षिणेत्तर गतिविधियां, स्मार्ट क्लासेज, लर्निंग कार्नर, लाइब्रेरी, कक्षा-कक्ष सज्जा, विद्युतीकरण, हरा-भरा कैंपस विद्यालय को अनूठा बनाता है। विद्यालय की हर गतिविधि में बच्चों के रचनात्मक सोच की झलक तथा उनके आत्मविश्वास से लबरेज चेहरे दिखते हैं।
ग्रीन कैंपस की होती है सराहना
खूबसूरती, हरियाली एवं पठन पाठन के लिए संविलियन विद्यालय अंबरसोत की क्षेत्र में काफी सराहना होती है। इंचार्ज प्रधानाध्यापिका श्रुति ने मेहनत, स्टाफ के सहयोग से यहां तक का सफर तय किया। श्रुति ने विद्यालय में फलदार, छायादार, औषधीय एवं सजावटी पौधों का न केवल रोपण किया, बल्कि उनके पुष्पित, पल्लवित होने तक कड़ी मेहनत की। योगा दिनचर्या में शामिल है, ताकि नौनिहालों के शारीरिक व मानसिक विकास हो सके। गणित किट के प्रयोग व रुचिकर विधियों से छात्रों में आकृतियों व गणितीय तथ्यों की समझ हो रही। ग्राम प्रधान की सहायता से कायाकल्प के सभी 19 बिंदु संतृप्त हैं। निपुण विद्यालय बनाने का संकल्प शीघ्र ही फलीभूत होता दिख रहा।
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स्कूल में दो स्मार्ट क्लास भी हैं। प्रधानाध्यापिका का कहना है कि यदि स्टाफ का सहयोग और मार्गदर्शन न मिलता तो ऐसी भौगोलिक परिस्थिति में इतनी शीघ्र सफलता मिलना शायद संभव न हो पाता। एक टीम के रूप में कार्य का संकल्प लिया ताकि हमारे छात्रों को भी वो सब मिले जो हम अपने खुद के बच्चों को देना चाहते है। बेहतर भवन, खेल-सामग्री, रुचिकर पुस्तकें, विज्ञान प्रयोगशाला एवं संस्कारों से परिपूर्ण वातावरण इन सब को करने के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति और सकारात्मक सोच चाहिए।