Lakhimpur Kheri News: राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत फ्रंटलाइन वर्कर्स को दिया गया प्रशिक्षण

Lakhimpur Kheri News: एक दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान सभी प्रशिक्षुओं को अपने-अपने क्षेत्र में टीबी रोगियों को लक्षण को पहचानने के साथ-साथ उसका पोर्टल पर अंकन करने, जांच करवाने और फॉलो अप सहित सरकारी योजना का लाभ देने के लिए भी प्रशिक्षित किया गया।

Update:2023-11-02 15:41 IST

Training given to frontline workers under National Tuberculosis Eradication Program

Lakhimpur Kheri News: राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जिला प्रशिक्षण अधिकारी डॉ अनिल कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खमरिया में फ्रंटलाइन वर्कर्स को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों में सीएचओ, एएनएम, संगिनी व आशा शामिल थीं।

इस दौरान जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अनिल कुमार गुप्ता ने फ्रंटलाइन वर्कर को बताया कि टीबी क्या है? कैसे फैलता है? और इसके लक्षण क्या-क्या हैं? साथ ही बताया कि सरकार द्वारा टीबी रोगियों की निशुल्क जांच और इलाज की सुविधा जिला टीबी अस्पताल सहित प्रत्येक ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध है। टीबी मरीजों को सरकार द्वारा निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत प्रति माह 500 रुपए डीबीटी के माध्यम से सीधा रोगियों के खाते में ट्रांसफर किया जाता है। इस एक दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान सभी प्रशिक्षुओं को अपने-अपने क्षेत्र में टीबी रोगियों को लक्षण को पहचानने के साथ-साथ उसका पोर्टल पर अंकन करने, जांच करवाने और फॉलो अप सहित सरकारी योजना का लाभ देने के लिए भी प्रशिक्षित किया गया।

टीबी प्रसार के लिए जागरूकता जरूरी

उन्होंने बताया कि जन जागरूकता ही टीबी के प्रसार को रोक सकता है। प्रधानमंत्री की टीबी मुक्त भारत की संकल्पना सबके सहयोग से ही 2025 में पूरा हो पाएगी। सीएचसी अधीक्षक डॉ पंकज कुमार ने बताया कि जन जागरण, टीबी रोगियों को गोद लेकर, हेल्थ कैंप में संभावित टीबी रोगियों की जांच करवाकर तथा त्योहारों पर शुभकामना संदेश के साथ टीबी के लक्षणों का बैनर पोस्टर बना कर लोगों को जागृत किया जा सकता है। इस दौरान सीएचसी अधीक्षक डॉ पंकज कुमार सहित राहुल कुमार, कमल किशोर राव, सुभाष पाल, ममता श्रीवास्तव, डॉ एसके गुप्ता, सर्वेश कुमार प्रजापती, दीपक कुमार व समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।

यहां होती है जांच

जिले में 39 टीबी डायग्नोस्टिक सेंटर है, जहां माइक्रोस्कोप से टीबी की जांच की जाती है। इसके अलावा 14 जगहों पर तुरंत तथा तीन जगहों पर सीबीनाट की सुविधा उपलब्ध है।

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