लश्कर-ए-तैयबा की यूपी समेत पूरे उत्तर भारत को खून से लाल करने की धमकी, बताई ये तारीख
नई दिल्ली: आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने यूपी समेत पूरे उत्तर भारत को खून से लाल करने की धमकी दी है। अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन के डायरेक्टर को भेजे गए धमकी भरे पत्र के सामने आने के बाद से इस बात खुलासा हुआ है। रेलवे के अफसरों में हडकंप मच गया है। सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर आ गई हैं। पत्र में 20 अक्टूबर और दस नवंबर को रेलवे स्टेशनों के अलावा सैनिक छावनियों, एयरपोर्ट, पेट्रोल पंप और धार्मिक स्थलों को उड़ाने की बात कही गई है।
ये है पूरा मामला
अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन के निदेशक बीएस गिल को दोपहर डाक के साथ यह धमकी भरा पत्र मिला। उन्होंने इसकी शिकायत रेलवे और पुलिस के अफसरों को दी। लेटर भेजने वाले ने अपने आप को आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एरिया कमांडर मौलाना अबु बुखारी बताया है। पत्र में सेना की अहम छावनियों, एयरपोर्ट, रेल पुलों और पेट्रोल पंपों को उड़ाने सहित उत्तर प्रदेश को खून से लाल कर देने की धमकी भी दी गई है।
कश्मीर के किश्तवाड़ और पाकिस्तान के कराची जिलों में भी हमले का जिक्र है। पत्र भेजने वाले ने अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन के अलावा जगाधरी, कुरुक्षेत्र, सिरसा, हिसार, पानीपत, रेवाड़ी, रोहतक, सहारनपुर, मेरठ समेत उत्तर भारत के कई स्टेशनों और अहम ठिकानों को दहलाने की धमकी दी है।
ये पत्र सही है या फर्जी, इसकी पुलिस ने जांच शुरू करते हुए स्टेशन पर सुरक्षा घेरा कड़ा कर दिया है। इस संदर्भ में कैंट जीआरपी थाने में धारा 124-ए, 153-ए, 295-ए, 505-ए व अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी है।
अंबाला कैंट, जीआरपी थाना, एसएचओ ने बताया कि रामबचनजीआरपी को स्टेशन डायरेक्टर की ओर से शिकायत मिली है, जिस पर केस दर्ज कर लिया गया है। सुरक्षा बढ़ाई गई है व मुख्यालय मामले की जानकारी दी गई है। पत्र कहां से आया, इसकी जांच जारी है। फिलहाल लिफाफे पर कोई मोहर नहीं मिली। जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।
अंबाला कैंट स्टेशन डायरेक्टर, बीएस गिल ने बताया कि नियमित डाक के साथ ही पत्र मिला, जिसमें स्टेशन को उड़ाने की धमकी दी गई थी। मामले की शिकायत जीआरपी से कर दी गई है जोकि मामले में जांच कर रही है।
पत्र पर संशय बरकरार
रेलवे स्टेशन के डायरेक्टर बीएस गिल के कमरे में यह पत्र आखिर कैसे पहुंचा, इसको लेकर भी संशय बरकरार है। स्टेशन डायरेक्टर को यह पत्र उनके नियमित डाक के बीच मिली जोकि उनके टेबल पर थी। दूसरी तरफ जीआरपी ने जांच के दौरान यह पाया कि पत्र को जिस लिफाफे में रखा गया था उस पर किसी भी डाकखाने की स्टैंप नहीं थी। अनुमान है कि कोई व्यक्ति इसे स्टेशन डायरेक्टर के कमरे में रख गया होगा, मगर इसकी जांच के लिए जीआरपी ने जब स्टेशन डायरेक्टर के कमरों की सीसीटीवी फुटेज जांच करनी चाहिए तो कमरे की ओर कोई भी सीसीटीवी कैमरा नहीं मिला।
बम निरोधक दस्ता मौके पर
जीआरपी के डीएसपी शीतल सिंह सहित आरपीएफ व जिला पुलिस के अधिकारियों ने स्टेशन पर चेकिंग की। आरपीएफ के डॉग स्क्वायड के अलावा जिला पुलिस के बम निरोधक दस्ते, मेटल डिटेक्टर से स्टेशन पर चेकिंग की गई। शाम को सुरक्षा एजेंसियों ने एक साथ सर्च अभियान चलाया। इस दौरान कमांडो भी बुलाए गए। रेलवे रेस्ट हाउस, वेटिंग हॉल, रिफ्रेशमेंट रूम, यूटीएस काउंटर, विभिन्न प्लेटफार्म, स्टॉल, स्टेशन इन व आउट गेट आदि स्थानों पर चेकिंग की गई।
कुलियों और वेडरों को किया सावधान
जीआरपी ने शाम को स्टेशन पर काम करने वाले वेंडरों और कुलियों को भी अलर्ट किया। मीटिंग करके उन्हें हिदायत दी गई कि स्टेशन पर वह सर्वाधिक समय रहते हैं और ऐसे में उन्हें पूरी तरह से अलर्ट रहने की जरूरत है। उन्हें संदिग्ध यात्रियों की जानकारी तुरंत सुरक्षा एजेंसियों को देने का आह्वान किया गया। साथ ही स्टेशन के कूड़ेदानों, प्लेटफार्म आदि क्षेत्रों में संदिग्ध सामान दिखते ही सूचना देने को कहा गया है।
इन व आउट गेट पर सुरक्षा की मजबूत
पत्र मिलने के बाद रेलवे स्टेशन के इन व आउट गेट पर चौकसी पहले से ज्यादा बढ़ा दी गई है। दोनों गेटों पर अतिरिक्त गार्ड लगाई गई है, साथ ही जीआरपी पोस्ट पर जवानों को अलर्ट किया गया है। प्लेटफार्म पर भी एंट्री गेट पर सुरक्षा को बढ़ाया गया है।
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