भारत को अमेरिका का पिछलग्गू ना बनाओः वामदल

वामपंथी दलों ने 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस को 'संविधान की रक्षा और भारत की आजादी को सुद्रढ़ करने के संकल्प दिवस' के रूप में मनाने का आह्वान किया है।

Update: 2020-08-12 09:14 GMT
भारत को अमेरिका का पिछलग्गू ना बनाओः वामदल

लखनऊ: वामपंथी दलों ने 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस को 'संविधान की रक्षा और भारत की आजादी को सुद्रढ़ करने के संकल्प दिवस' के रूप में मनाने का आह्वान किया है। साथ ही एक सितंबर को 'भारत को अमेरिका का पिछलग्गू बनाने के प्रयासों पर विरोध दिवस' आयोजित करने का निश्चय किया है।

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भारतीय संविधान के सिध्दांतों को नष्ट करने पर उतारू है

वामदलों का आरोप है कि कोविड- 19 एवं राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौर में जब भाजपा की केन्द्र सरकार को महामारी से निपटने में अपना पूरा ध्यान केन्द्रित कर जनता को राहत देनी चाहिये, ऐसे समय में आरएसएस के नेत्रत्व वाली केन्द्र और उत्तर प्रदेश की सरकार आक्रामक तौर पर भारतीय संविधान के सिध्दांतों को नष्ट करने पर उतारू है। इसके साथ ही सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को धार देने के उद्देश्य से अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने का कोई मौका नहीं छोड़ रही हैं।

वामदलों ने कहा कि संविधान के प्रत्येक संस्थानों एवं प्राधिकरणों संसद, न्यायपालिका, चुनाव आयोग, सीबीआई, ईडी आदि को सीमित करने के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं तथा जनतान्त्रिक अधिकारों एवं नागरिक आजादी पर तीखे हमले किये जा रहे हैं। सरकार विरोधी हर आवाज को राष्ट्रद्रोह की संज्ञा दी जा रही है। आम नागरिकों के साथ ही बुद्धिजीवी राजनीतिक, सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को राजद्रोह की धाराओं में जेल भेजा जा रहा है।

वामदलों ने कहा कि हमारे संविधान की बुनियादी विशेषता संघवाद है

वामदलों ने कहा कि हमारे संविधान की बुनियादी विशेषता संघवाद है, जिसके सिद्धांतों को नकारते हुये सभी शक्तियों को केन्द्र सरकार में केन्द्रित करने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में जनता को एकजुट हो कर संविधान की रक्षा और अपनी स्वतन्त्रता को सुद्रढ़ करने के लिए आवाज उठाना जरूरी हो गया है। स्वतन्त्रता दिवस पर हम सबको इसकी शपथ लेनी है।

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केन्द्र की भाजपा सरकार दुनियाँ पर बादशाहत कायम करने की अमेरिकी ख्वाहिशों को पूरा करने के लिये उसका हर तरह से सहयोग कर रही है। यह सब हमारे देश और देश की जनता के हित में नहीं है। भारत को अपनी स्वतंत्र विदेश नीति पर कायम रहना चाहिये। अमेरिका या अमेरिकी- इजरायल गठजोड़ के पक्ष में विदेश नीति हमारी संप्रभुता और आत्मनिर्भर्ता को कमजोर करेगी। अतएव 1 सितंबर को भारत को अमेरिका का पिछलग्गू बनाने का विरोध किया जायेगा।

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