Lakhimpur Kheri: बाघ-तेंदुए के आतंक से निघासन वासियों का जीना मुश्किल, किसान पर हमला, गाय बनी शिकार
Lakhimpur Kheri: निघासन क्षेत्र में जंगली जानवरों का वास है। आजकल ये अपने प्राकृत वास से बाहर निकले हैं। इसी वजह से बाघ और तेंदुए गांव की तरफ चले गए हैं। जो ग्रामीणों पर जानलेवा हमला कर देते हैं।
Lakhimpur Kheri News : लखीमपुर खीरी जिले (Lakhimpur Kheri District) के निघासन क्षेत्र में बाघ, तेंदुआ सहित अन्य हिंसक जानवरों की वजह से आम लोगों का जीना मुहाल हो गया है। दरअसल, बाघ सहित अन्य हिंसक जानवर अपने प्राकृतिक वास से बाहर आ रहे हैं। इन जानवरों का सबसे ज्यादा कहर रात-दिन फसलों की रखवाली करने वाले किसानों पर टूट पड़ा है।
खेतों की रखवाली करने वाले किसानों के सिर पर हमेशा मौत का साया मंडराता रहता है। क्षेत्र के किसान बताते हैं कि उन्हें हर वक्त डर लगा रहता है कि पता नहीं कब जंगली जीवों का हमला उनपर न हो जाए। इसी कड़ी में शनिवार तड़के 4 बजे ग्राम बैरिया स्थित बाबा की कोठार के पास बाघ ने एक गाय को मार डाला। हालांकि, इसमें किसी प्रकार की कोई जनहानि नहीं हुई।
गांव में छुपा है तेंदुआ, ग्रामीणों में दहशत
उल्लेखनीय है कि, इससे पहले दक्षिण निघासन रेंज अंतर्गत ग्राम बिहारी पुरवा मजरा लुधौरी में 24-25 अगस्त को जंगल से भटककर आया एक तेंदुआ दिखा था। ये तेंदुआ गन्ने के खेत में बैठा दिखा। ग्राम बिहारी पुरवा निवासी किसान चंद्रभूषण यादव रात के वक़्त फसल की रखवाली करने गया था। यहां किसान का सामना उसी तेंदुए से हो गया। किसान ने तो किसी तरह भागकर अपनी जान बचा ली। लेकिन, वहां मौजूद एक कुत्ते को तेंदुआ ने अपना शिकार बना लिया। इस तरह की घटना अब इलाके के लोगों के लिए आम है। क्षेत्र में ये चर्चा का विषय बना हुआ है। बताया जाता है कि तेंदुए की मौजूदगी अब भी गांव में है। जिससे ग्रामीणों में दहशत है।
रेंजर ने दी सावधान रहने की सलाह
इस पूरे मामले की जानकारी मिलने के बाद रेंजर जमाल खां ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। साथ ही, लोगों को सावधान किया और जागरूक रहने की सलाह दी। कुल मिलाकर कहें तो उक्त हिंसक जानवरों ने क्षेत्र में आतंक मचा रखा है, जिसकी वजह से लोगों में दहशत व्याप्त है ।
आपको बता दें कि, निघासन क्षेत्र में जंगली जानवरों का वास है। आजकल ये जीव अपने प्राकृत वास से बाहर निकले हैं। इसी वजह से बाघ और तेंदुए गांव की तरफ चले गए हैं। जो आए दिन ग्रामीणों पर जानलेवा हमला कर देते हैं। इन जंगली जीव के डर से फसल की रखवाली करने वाले किसान डर के साए में जी रहे हैं।