लखनऊ : उप्र सहकारी ग्राम विकास बैंक लि. के अफसरों की कारस्तानी अजब-गजब है। लखीमपुर, जौनपुर और गाजीपुर के बैंक अफसरों ने एक ही लाभार्थी को पांच बार लोन दे दिया। सिर्फ लोन ही नहीं दिया बल्कि उन किसानों को सरकारी योजनाओं की बार-बार सब्सिडी भी मंजूर की। नतीजतन सरकार को करोड़ों का चूना लगा। ‘ऋण माफी योजना 2012’ के तहत जब किसानों का ऋण माफ करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी तो इसका खुलासा हुआ था। मामले की पांच साल तक जांच चली और अब जाकर आरोपी अफसरों पर कार्रवाई की संस्तुति की गई है। आरोपियों से गलत तरीके से दिए गए ऋण की वसूली भी की जाएगी।
यह भ्रष्टाचार वर्ष 2012-13 की ऋणमाफी योजना के समय प्रकाश में आया। जब एडीएम (वित्त एवं राजस्व) लखीमपुर की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने ऐसे किसानों की शाखावार प्रस्तावित सूची की पड़ताल कराई। जिन्हें ‘ऋण माफी योजना 2012’ के तहत लाभ मिलना था। तब भ्रष्ट अफसरों की पोल खुल गई। पाया गया कि एक ही लाभार्थी को दो से पाँच बार तक ऋण दिया गया और कई बार उन्हें अनुदान भी मिला, जबकि किसी योजना के तहत शासकीय अनुदान का लाभ किसी किसान को एक बार ही मिल सकता है। यह देख अफसर भी सकते में आ गए। उनके समझ में नहीं आया कि ऋण माफी योजना के तहत एक ही व्यक्ति के पांच लोन खातों में से किस खाते का लोन माफ किया जाए। बहरहाल उनके एक खाते का ऋण माफ कर दिया गया। पर जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई।
लखीमपुर के 12 ब्रांच अफसर सस्पेंड
लखीमपुर की शाखा गोला के धौरहरा, मोहम्मदी व पलिया के तत्कालीन 12 शाखा प्रबंधकों को सस्पेंड कर दिया है। इनमें ध्यानसिंह वर्मा, राजाराम भार्गव, कालिका प्रसाद, सुधीश कुमार, सचिन, अखिलेश कुमार, पंकज कुमार, अमरेन्द्र चौधरी, विनय प्रताप सिंह, हरिश्चन्द्र, रामलोटन द्विवेदी और रमेश चन्द्र शामिल हैं।
दो आंकिक और तीन फील्ड अफसर भी निलंबित
इसके अलावा तत्कालीन दो शाखा आंकिकों राज कुमार, राजीव कटियार और तत्कालीन तीन सहायक फील्ड आफिसर/फील्ड आफिसर प्रमोद कुमार, विरेन्द्र प्रताप सिंह और नीरज त्रिपाठी के विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही करते हुए निलम्बित किया गया है।
जौनपुर में यह हुई कार्रवाई
जौनपुर की केराकत शाखा में 93 लाख रुपये के ऋण वितरण एवं 46 लाख रुपये के अनियमित अनुदान समायोजन के मामले में तत्कालीन शाखा प्रबन्धक शिव कुमार गुप्ता और प्रखर कुमार को सस्पेंड किया गया है। गाज़ीपुर की जमानिया शाखा में फर्जी फोटो लगाकर लाखों रूपये का ऋण बांटने के मामले में वीरेन्द्र कुमार तिवारी, सहायक फील्ड आफिसर को भी निलम्बित किया गया। अन्य शाखाओं से संबंधित प्रकरण में शैलेन्द्र कुमार शाक्य, इसरार अहमद, मोहित कुमार, शिवम सिंह और लालजी को भी निलम्बित किया गया है।
32 रिटायर ब्रांच अफसरों व फील्ड अफसर भी कार्रवाई की जद में
इस कार्रवाई की जद में सिर्फ मौजूदा अफसर ही नहीं है। बल्कि जांच में भ्रष्टाचार उजागर होने पर रिटायर नौ शाखा प्रबंधक, आठ शाखा आंकिक और 15 सहायक फील्ड आफिसर और फील्ड आफिसरों पर भी कार्रवाई प्रस्तावित की गई है। पूरे मामले में विकास विभाग के 21 कार्मिको के विरूद्ध भी कार्यवाही के लिए भी पत्र लिखा गया है।