Lucknow Building Collapse: सीएम ने बिल्डिंग हादसे की जांच के लिए बनाई कमेटी, यजदान बिल्डर की कुंडली खंगाली जा रही
Lucknow Building Collapse: कमिटी की अध्यक्षता मंडलायुक्त रोशन जैकब करेंगी। इनके साथ ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर कानून व्यवस्था पीयूष मोर्डिया और लखनऊ विकास प्राधिकरण के चीफ इंजीनियर शामिल हैं।
Lucknow Building Collapse: लखनऊ में अलाया अपार्टमेंट के ढहने से मुश्किल में पड़ी तमाम जिंदगियों का हिसाब करने लिए प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है। हादसे के जांच के लिए मुख्यमंत्री ने तीन सदस्यीय कमिटी बना दी है। कमिटी की अध्यक्षता मंडलायुक्त रोशन जैकब करेंगी। इनके साथ ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर कानून व्यवस्था पीयूष मोर्डिया और लखनऊ विकास प्राधिकरण के चीफ इंजीनियर शामिल हैं।
सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे शाहिद मंजूर की जमीन पर खड़ी इमारत अचानक गिरी और इतना बड़ा हादसा हो गया। शाहिद मंजूर ने साल 2003 में यह प्लॉट अपने बेटे नवाजिश और भतीजे तारिक के नाम से खरीदा था। 2009 में उन्होंने यजदानी बिल्डर के मालिक फहद याजदान से बिल्डर एग्रीमेंट किया था। याजदानी ने 2010 में बिना एलडीए अप्रूवल के इसपर पांच मंजिल की इमारत खड़ी कर दी। इसमें आधा हिस्सा शाहिद मंजूर को मिला। बाकी का आधा हिस्सा याजदानी ने खुद बेंचा था।
बिल्डर के हर प्रॉपर्टी की जांच करेगी कमिटी
सूत्रों का कहना है की जांच कमिटी शाहिद मंजूर और यजदानी के बीच हुए एग्रीमेंट से लेकर उनकी हर प्रॉपर्टी जी छानबीन करेगी। पहली कड़ी में फहद यजदानी की महानगर स्थित बिल्डिंग निशाने पर है। इसके अलावा वजीर हसन रोड से सटे जयप्रकाश नगर में बनी एक बिल्डिंग भी लिस्टेड की गई है।
एलडीए की भूमिका भी संदेह के दायरे में
2010 में बनी इस बिल्डिंग का एलडीए में अबतक कोई मानचित्र नही मिला है। माना जा रहा है की बिना मानचित्र पास कराए ही बनी इमारत में एलडीए की भी मिली भगत रही है। बिल्डिंग बनने से लेकर अभी तक कोई करवाई न होने से संदेह के दायरे में आए एलडीए के अफसरों की भी पड़ताल हो रही है।