KGMU में इलाज पहले से अधिक महंगा, मरीजों को होगी परेशानी

राजधानी में स्थित केजीएमयू मरीजों को सस्ते दामों पर इलाज मुहैया कराता है। दूर-दराज से आए मरीज अपना इलाज कराने के लिए रोजाना मेडिकल कॉलेज आते हैं। केजीएमयू, एसजीपीजीआई और लोहिया संस्थान से सस्ते दामों पर मरीजों को ओपीडी तथा जांच की सुविधाएं उपलब्ध कराता है। लेकिन ताजा मिल रही जानकारी के अनुसार, केजीएमयू में मरीजों को राहत पाने के लिए 20 से 25 फीसदी पहले से अधिक रुपए चुकाने होंगे। इसके लिए सीएमएस की अध्यक्षता में कमेटी का गठन भी हो चुका है।

Update: 2017-12-07 07:34 GMT

लखनऊ: राजधानी में स्थित केजीएमयू मरीजों को सस्ते दामों पर इलाज मुहैया कराता है। दूर-दराज से आए मरीज अपना इलाज कराने के लिए रोजाना मेडिकल कॉलेज आते हैं। केजीएमयू, एसजीपीजीआई और लोहिया संस्थान से सस्ते दामों पर मरीजों को ओपीडी तथा जांच की सुविधाएं उपलब्ध कराता है। लेकिन ताजा मिल रही जानकारी के अनुसार, केजीएमयू में मरीजों को राहत पाने के लिए 20 से 25 फीसदी पहले से अधिक रुपए चुकाने होंगे। इसके लिए सीएमएस की अध्यक्षता में कमेटी का गठन भी हो चुका है।

जानकारों के मुताबिक, 2017 में केजीएमयू के बजट में भारी कटौती कर दी गई है और इसी के चलते यहां पर संबंधित चीजें महंगी होने जा रही हैं। विभिन्न शुल्कों में बढ़ोत्तरी के लिए केजीएमयू प्रशासन ने रिव्यू कमेटी का गठन कर दिया है। इलाज 20 से 25 फीसदी महंगा होने के कारण केजीएमयू में रोजाना करीब 10 हजार मरीजों को झटका लगेगा।

सबसे सस्ती जांच केजीएमयू में होती थी

अभी तक राजधानी में सबसे कम दामों पर जांच केजीएमयू करता है। एसजीपीजीआई से लेकर लोहिया संस्थान से भी सस्ती कीमतों पर मरीजों को राहत मिल जाती है। लेकिन दाम में बढ़ोत्तरी होने से मरीजों को पहले से अधिक पैसे खर्च करने होंगे।

एक तो सही इलाज नहीं, फिर ये दाम क्यों बढ़ रहे हैं

केजीएमयू के ट्रामा सेंटर से आए दिन रेजिडेंट डॉक्टरों की लापरवाही का मामला सामने आता रहता है। मरीजों को इलाज के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। इलाज में देरी होने पर मरीज के तीमानदारों की शिकायत पर कर्मचारी लड़ने को तैयार हो जाते हैं। ऐसे मामले ट्रामा सेंटर में रोजाना देखने को मिलते हैं। मरीजों के तीमानदारों का कहना है कि एक तो ठीक तरीके से इलाज नहीं होता है और दूसरी ओर शुल्क बढ़ोत्तरी करना पूरी तरह से गलत है।

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