Drug Smuggling: नेपाल, बिहार से लेकर बंगाल तक गोरखपुर से भेज रहे नशीली दवाएं, भालोटिया बाजार के कारोबारी रड़ार पर

Drug Smuggling: टीम के पास पहले से संदिग्ध दवाओं की सूची मौजूद थी। यह दवाएं बिहार, पश्चिम बंगाल, और नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में बरामद हुई हैं। उसी सूची से भालोटिया में थोक सप्लायरों के यहां की दवाओं का मिलान किया जा रहा था

Update: 2024-05-18 02:22 GMT

गोरखपुर का भालोटिया दवा मंडी (Pic: Newstrack)

Drug Smuggling: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में भालोटिया दवा मंडी पूर्वांचल की सबसे बड़ी थोक मंडी है। यहां से दवाएं नेपाल, बिहार समेत पूर्वांचल के सभी जिलों में जाती हैं। पिछले एक दशक से कुछ दवा कारोबारियों ने मोटी कमाई के लिए नशीली दवाओं का कारोबार शुरू कर दिया है। दिल्ली मुख्यालय के निर्देश पर शुक्रवार को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स (सीबीएन) की टीम ने भालोटिया मार्केट के तीन बड़े थोक विक्रेता फर्मों की जांच की। तीनों फर्मों के नार्कोटिक्स समूह में शामिल दवाओं के लेखा-जोखा भी टीम ने जब्त किए हैं।

दिल्ली मुख्यालय के निर्देश पर लखनऊ से आई इस टीम में दो इंस्पेक्टर और 6 सिपाही शामिल थे। विभाग को पुख्ता सबूत मिले हैं कि भालोटिया मार्केट से नार्कोटिक्स की दवाएं बिहार, पश्चिम बंगाल और नेपाल भेजी जा रही हैं। टीम सबसे पहले नार्कोटिक्स दवाओं की थोक विक्रेता फार्मा डिस्ट्रीब्यूटर के यहां पहुंची। यहां टीम ने डोमेडाल प्लस दवा के अभिलेखों की जांच की। बताया जाता है कि इस दवा की बड़ी खेप पटना में पकड़ी गई है। जिसका बैच गोरखपुर को आवंटित था। इसके बाद टीम ने मारुति फार्मा की जांच की। यह फर्म एंटी साइकेट्रिक ड्रग के थोक सप्लायर हैं। टीम ने खाटू श्याम फार्मा पर भी जांच की है। यहां भी नार्कोटिक्स दवाओं का बड़ा काम होता है। जिसमें कफ सिरप भी शामिल हैं।

जब्त दवाओं का सैंपल लेकर पहुंची थी टीम

टीम के पास पहले से संदिग्ध दवाओं की सूची मौजूद थी। यह दवाएं बिहार, पश्चिम बंगाल, और नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में बरामद हुई हैं। उसी सूची से भालोटिया में थोक सप्लायरों के यहां की दवाओं का मिलान किया जा रहा था। टीम को कुछ साक्ष्य भी मिले हैं। यही वजह है कि टीम ने नार्कोटिक्स दवाओं से जुड़े हर सप्लायर के कागजात को खंगाला। उसकी एक प्रति अपने साथ ले गए हैं। दवा विक्रेता समिति के महामंत्री आलोक चौरसिया का कहना है कि भालोटिया मार्केट में नार्कोटिक्स विभाग की टीम पहुंची थी। टीम ने दवा की तीन थोक फर्मों की जांच की। यह जांच की रुटीन प्रक्रिया है। इसमें व्यापारियों ने सहयोग किया। कहीं कोई गड़बड़ी नहीं मिली है।

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