KGMU: आहारनली कैंसर में खाना-पानी निगलने में होती है परेशानी, VC बोले- दूरबीन विधि से सर्जरी सम्भव
KGMU: आहारनली के कैंसर में व्यक्ति को खाना निगलने में दर्दहोता है। पहले-पहले ठोस खाना फंसने की शिकायत होती है, धीरे-धीरे तरल पदार्थ भी अंदर जाना मुश्किल हो जाता है।
Lucknow: राजधानी के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग (Department of Surgical Oncology) ने शनिवार को आहारनली (Esophagus) के कैंसर के इलाज के सम्बन्ध में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर हैदराबाद के प्रसिद्ध विशेषज्ञ डॉ. सुभ्रमन्मेशवर राव ने दूरबीन के द्वारा आपरेशन के बारे में अपने अनुभव साझा किये। साथ ही, केजीएमयू के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल (डॉ.) बिपिन पुरी (Bipin Puri) ने भी सर्जरी प्रक्रिया के बारे में बताया।
'दूरबीन विधि से सर्जरी में नहीं लगाना होता चीरा'
कुलपति ले. जन (डॉ) बिपिन पुरी ने इस मौके पर विभागाध्यक्ष विजय कुमार एवं डॉ. शिव राजन की टीम की सराहना करते हुए कहा कि सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग में छाती की दूरबीन विधि द्वारा आहार नली के कैंसर की उच्च गुणवत्ता वाली सर्जरी की जा रही है। इससे छाती में बड़ा चीरा लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है और रोगी की जल्द ही अस्पताल से छुट्ट्टी कर दी जाती है। बता दें कि इस कार्यक्रम को कराने में कैंसर पीड़ित मरीजों के पोषण के लिए काम कर रही 'एकतत्व संस्था' की महती भूमिका रही।
क्या होता है आहारनली का कैंसर?
आहारनली का कैंसर एक वीभत्स कैंसर है। इसमें व्यक्ति को खाना निगलने में दर्द (pain swallowing food) होता है। पहले-पहले ठोस खाना फंसने की शिकायत होती है, धीरे-धीरे तरल पदार्थ भी अंदर जाना मुश्किल हो जाता है। इस रोग का उपचार सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी द्वारा किया जाता है। इसकी सर्जरी एक बड़ी प्रक्रिया है, पर अब दूरबीन विधि से भी यह संभव हो गयी है।
इस कार्यक्रम के अवसर पर एम्स जोधपुर निदेशक प्रो संजीव मिश्रा, पूर्व विभागाध्यक्ष सर्जरी प्रो. अरुण चतुर्वेदी, पूर्व कुलपति एम.एल.बी भट्ट, डॉ. सुमित रुंगटा, डॉ. शेफाली गौतम, प्रो. कीर्ति श्रीवास्तव एवं डा. सुधीर सिंह राव उपस्थित रहे। विभागाध्यक्ष प्रो. विजय कुमार एवं एसोसिएट प्रो. शिव राजन द्वारा कार्यक्रम की अगुवाई की गयी।
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