Lucknow News: डीएम अभिषेक प्रकाश पर बड़ा आरोप, महीनों तक निलंबित कानूनगो प्रशांत शुक्ला की दबाए रखी फाइल

Lucknow News: लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश पर भी आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने प्रशांत शुक्ला को बचाने के लिए उनकी फाइल को महीनों तक दबाए रखा। शासन की सख्ती के बाद डीएम अभिषेक प्रकाश को प्रशांत शुक्ला को निलंबित करना पड़ा।

Published By :  Deepak Kumar
Update: 2022-05-09 12:06 GMT

डीएम अभिषेक प्रकाश व निलंबित कानूनगो प्रशांत शुक्ला।

Lucknow: मोहनलालगंज तहसील (Mohanlalganj Tehsil) के निलंबित कानूनगो प्रशांत शुक्ला (Kanungo Prashant Shukla) को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है, कहा जा रहा है कि उनकी बड़े अफसरों से अच्छी सेटिंग थी। जिसकी बदौलत आरोप लगने के बाद भी वह तीन साल तक नौकरी करते रहे। राजधानी लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश (District Magistrate Abhishek Prakash) पर भी आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने प्रशांत शुक्ला को बचाने के लिए उनकी फाइल को महीनों तक दबाए रखा। शासन की सख्ती के बाद डीएम अभिषेक प्रकाश (District Magistrate Abhishek Prakash) को प्रशांत शुक्ला (Kanungo Prashant Shukla) को निलंबित करना पड़ा, लेकिन उन्होंने निलंबित करने बाद उसी तहसील से उन्हें संबद्ध भी कर दिया है।

2019 में नौकरी ज्वाइन किया था प्रशांत शुक्ला

प्रशांत शुक्ला (Kanungo Prashant Shukla) ने 2019 में नौकरी ज्वाइन किया था, आरोप है कि उन्होंने फर्जी दिव्यांग का प्रमाण पत्र लगाकर ये नौकरी हासिल की थी। प्रशांत शुक्ला (Kanungo Prashant Shukla) ने कम सुनाई देने का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाया था। इस मामले की शिकायत औरैया डीएम से की गई थी। उन्होंने मामले की जांच कराई तो यह गलत साबित हो गया। प्रशांत शुक्ला (Kanungo Prashant Shukla) ने जो कम सुनाई देने फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हासिल की थी उन्हें वैसी कोई समस्या नहीं है। यह प्रमाणित होने के बाद डीएम औरैया ने आगे की कार्यवाही के लिए फाइल लखनऊ डीएम को भेज दिया। क्योंकि मौजूदा वक्त में प्रशांत शुक्ला (Kanungo Prashant Shukla) मोहनलालगंज तहसील में तैनात थे।

प्रशांत शुक्ला की फाइल को महीनों तक रखा दबाए

लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश (District Magistrate Abhishek Prakash) पर आरोप है कि उन्होंने इस फाइल को महीनों तक दबाए रखा। जब मामला शासन तक पहुंचा तो उन्हें कानूनगो प्रशांत शुक्ला (Kanungo Prashant Shukla) को निलंबित करना पड़ा। आरोप यह भी लग रहे हैं कि प्रशांत शुक्ला के रिश्ते और भी बड़े अफसरों से थे। जिसकी वजह से इस मामले में इतनी देर से एक्शन हुआ। यही नहीं राजस्व परिषद के पूर्व निजी सचिव विवेकानंद डोबरियाल के साथ उनके व्यावसिक रिश्ते भी बताए जा रहे हैं कि दोनों मिलकर लखनऊ में जमीन का कारोबार करते थे। प्रशांत शुक्ला (Kanungo Prashant Shukla) मामले पर एसीएस गृह अवनीश अवस्थी (District Magistrate Abhishek Prakash) ने जिलाधिकारी लखनऊ से रिपोर्ट मांगी है। वहीं निलंबित होने के बाद भी प्रशांत शुक्ला को इसी तहसील से संबद्ध भी कर दिया गया है।

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