Lucknow: बसपा में पुराने नेताओं की घर वापसी, पूर्व मंत्री और पूर्व MLA समेत ये नेता हुए शामिल
आज गाजियाबाद के पूर्व विधायक वहाब चौधरी, पूर्व राज्य मंत्री मुकेश जाटव, रामप्रसाद प्रधान ने फिर से बसपा की नीतियों पर भरोसा जताते हुए सदस्यता ग्रहण की। इन तीनों नेताओं को प्रदेश प्रभारी मुनकाद अली ने पार्टी ज्वाइन कराई है।
Lucknow: बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) में पुराने नेताओं की वापसी शुरू हो गई है। पिछले दिनों हुई बसपा नेताओं और प्रत्याशियों की बैठक में मायावती (Mayawati) के सामने यह मुद्दा उठा था, जिसके बाद उन्होंने अपनी मंजूरी दी थी। अब पार्टी में पुराने नेताओं के आने के सिलसिला शुरू हो गई है। आज गाजियाबाद के पूर्व विधायक वहाब चौधरी (Ghaziabad former MLA Wahab Chaudhary), पूर्व राज्य मंत्री मुकेश जाटव (Former State Minister Mukesh Jatav), रामप्रसाद प्रधान ने फिर से बसपा की नीतियों पर भरोसा जताते हुए सदस्यता ग्रहण की।
तीनों नेताओं को प्रदेश प्रभारी मुनकाद अली ने ज्वाइन कराई बसपा
इन तीनों नेताओं को प्रदेश प्रभारी मुनकाद अली ने पार्टी ज्वाइन कराई है। बता दें उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) करारी हार के बाद मायावती (Mayawati) ने अपने सभी पदाधिकारियों को प्रत्याशियों की बैठक बीते दिनों बुलाई थी। लखनऊ में हुई इस बैठक में यह बात उठी थी कि पार्टी से जुड़े पुराने नेताओं को वापस लिया जाए। जिससे पार्टी और संगठन को मजबूती मिल सके और आगामी चुनाव में इसका फायदा मिल सके। इसके बाद मायावती (Mayawati) ने भी इस पर हामी भर दिया था और सबसे पहला नाम पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी (Former Minister Naseemuddin Siddiqui) को लेकर चर्चा में आया था। लेकिन उन्होंने बसपा में जाने से साफ इनकार कर दिया था। नसीमुद्दीन सिद्दीकी (Former Minister Naseemuddin Siddiqui) इस वक्त कांग्रेस में हैं और उन्होंने कहा वह अब इसी पार्टी में ही रहेंगे।
गाजियाबाद से जुड़े तीन नेताओं की घर वापसी ने दिए संकेत
इसके बाद पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा (Former Minister Babu Singh Kushwaha) का नाम भी सामने आया फिलहाल बाबू सिंह कुशवाहा (Former Minister Babu Singh Kushwaha) की ओर से कोई बयान समाने नहीं आया। इसके बाद गाजियाबाद से जुड़े तीन नेताओं की घर वापसी ने संकेत दे दिया है कि बसपा में पुराने नेताओं जो वापस आना चाहेंगे उनके लिए दरवाजे खुल गए हैं। इससे पहले बसपा में ऐसा नहीं होता था मायावती जिस नेता को बाहर कर देती थीं उसकी बमुश्किल वापसी होती थी लेकिन पार्टी के गिरते जनाधार और और करारी हार से सबक लेते हुए मायावती अब ने अपनी रणनीतियों में बदलाव किया। वह अपने पुराने नेताओं को वापस लेना शुरू कर दिया है।
विधायक उमाशंकर सिंह बलिया की रसड़ा विधानसभा से जीते
यूपी विधानसभा के चुनाम में मायावती की पार्टी बसपा का सिर्फ एक विधायक उमाशंकर सिंह बलिया की रसड़ा विधानसभा से जीतकर आए हैं। उन्हें 402 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है। इससे पहले मायावती की इतनी बुरी हार पिछले दो दशक में विधानसभा के चुनाव में नहीं हुई थी। हालांकि 2014 के लोकसभा चुनाव में भी बसपा का यूपी में खाता नहीं खुला था।
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