Lucknow News: Lucknow Zoo में धूमधाम से मनाया गया विश्व गौरैया दिवस: गौरैया हमारे शुद्ध वातावरण का प्रतीक और किसान मित्र: प्रो अमिता
लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान में इस वर्ष विश्व गौरैया दिवस बड़े धूमधाम से मनाया गया। वहीं इस मौके पर नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान के सारस प्रेक्षागृह में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया।;
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Lucknow News: लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान में इस वर्ष विश्व गौरैया दिवस बड़े धूमधाम से मनाया गया। वहीं इस मौके पर नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान के सारस प्रेक्षागृह में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों और शिक्षकों ने गौरैया संरक्षण पर जागरूकता फैलाने का काम किया।
गौरैया संरक्षण के लिए किए गए प्रयास
कार्यक्रम के दौरान प्राणी उद्यान में आने वाले दर्शकों को गौरैया संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए स्टॉल लगाए गए। यहां अमिता कनौजिया ने गौरैया संरक्षण के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर घोंसले, मिट्टी के बर्तन, पौधे और दाना निशुल्क वितरित किए गए। इसके बाद, कार्यशाला में घरेलू सामग्री से घोंसला बनाने की विधि भी सिखाई गई, ताकि लोग आसानी से गौरैया के लिए उपयुक्त आवास तैयार कर सकें।
गौरैया के संरक्षण की आवश्यकता पर जोर
इस दौरान प्रो अमिता कनौजिया ने कहा कि गौरैया हमारे शुद्ध वातावरण का प्रतीक है। अगर हमारे आसपास गौरैया हैं, तो इसका मतलब है कि हम स्वच्छ वातावरण में रह रहे हैं। गौरैया को किसान मित्र भी कहा जाता है, क्योंकि यह फसलों को नुकसान पहुँचाने वाले कीड़ों को खाकर फसलों की रक्षा करती है। उन्होंने यह भी अपील किया कि सभी को अपने घरों में गौरैया के लिए स्थान देना चाहिए और गर्मी में छतों पर दाना और पानी रखना चाहिए।
विकसित जीवनशैली और गौरैया का संकट
प्रो अमिता कनौजिया बताया कि कुछ वर्षों पहले तक हमारे घरों और गांवों में गौरैया की बड़ी संख्या होती थी, लेकिन शहरीकरण, जीवनशैली में बदलाव और प्रदूषण के कारण अब उनकी संख्या में भारी कमी आई है। इसके अलावा, मोबाइल टावरों से निकलने वाले रेडिएशन का भी पक्षियों पर गंभीर असर पड़ रहा है।
कार्यशाला में विशेषज्ञों ने दिया महत्वपूर्ण संदेश
कार्यशाला में प्रमुख रूप से दिनेश बडोला, क्षेत्रीय वनाधिकारी, प्राणी उद्यान, अमिता कनौजिया, प्रोफेसर, जन्तु विज्ञान विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय और प्रशांत त्रिपाठी बायलॉजिस्ट, प्राणी उद्यान, लखनऊ ने अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम में एमिकस एकेडमी, केकेवी डिग्री कॉलेज, एसकेडी डिग्री कॉलेज और लखनऊ विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने भी भाग लिया।
कार्यक्रम का समापन
कार्यक्रम का संचालन प्रशांत त्रिपाठी, बायलॉजिस्ट, प्राणी उद्यान, लखनऊ ने किया। उन्होंने कहा कि यदि हम सभी अपने दृष्टिकोण में बदलाव लाएं और गौरैया के संरक्षण के लिए पहल करें, तो इस प्रजाति को बचाया जा सकता है। तो वहीं कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने गौरैया के संरक्षण के लिए अपने प्रयासों को और अधिक बढ़ाने का संकल्प लिया।