Lucknow News: खूंखार है निष्ठा त्रिपाठी का हत्यारा आदित्य, 21 दिन पहले ही छूटा है जेल से, करता है अवैध वसूली, जानिए क्राइम कुंडली

Lucknow News: आरोपी आदित्य छह महीने पहले की वह एक छात्र पर हमला करने के मामले में जेल गया था। और 21 दिन पहले ही जेल से जमानत पर छूटा था। जेल से झूठते ही उसने इस बार हत्या कर दी।

Report :  Jugul Kishor
Update: 2023-09-22 03:07 GMT

निष्ठा त्रिपाठी का हत्याारा पुलिस की गिरफ्त में ( सोशल मीडिया)

Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के दयाल रेजीडेंसी में दारू पार्टी के दौरान निष्ठा त्रिपाठी नाम की लड़की की गुरुवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई। 23 वर्षीय निष्ठा बीबीड़ी यूनिवर्सिटी में बीकॉम थर्ड ईयर की छात्रा थी। वहीं, निष्ठा की हत्या का आरोप आदित्य देव पाठक पर लगा है, पुलिस ने हत्यारे को गिरफ्तार भी कर लिया है, साथ वह पिस्टल भी बरामद कर ली है, जिससे निष्ठा त्रिपाठी की हत्या की गई। पुलिस पड़ताल में पता चला है कि आरोपी आदित्य पाठक अपराधी प्रवृत्ति का है।

21 पहले जमानत पर जेल से छूटा था आदित्य

जानकारी के मुताबिक के मुताबिक आरोपी आदित्य छह महीने पहले की वह एक छात्र पर हमला करने के मामले में जेल गया था और 21 दिन पहले ही जेल से जमानत पर छूटा था। जेल से झूठते ही उसने इस बार हत्या कर दी। जिस पिस्टल से निष्ठा को उसने गोली मारी वह उसने अपने किसी करीबी से ली थी। वारदात के बाद बताया जा रहा है कि आदित्य पाठक, मोनू और निष्ठा के अलावा एक और दोस्त आदित्य शुक्ला भी था, हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है, पुलिस पूरे मामले की बारीकी से जांच कर रही है।

आरोपी से परेशान था पूरा मोहल्ला

पुलिस के मुताबिक आदित्या पाठक छात्रों से अवैध वसूली करता है। 15 मार्च को ही उसने बीबीड़ी के छात्र उदय प्रताप सिंह का मोबाइल छीन लिया था और विरोध करने पर मारपीट करते हुए सिर फोड़ दिया था। एडीसीपी पूर्वी ने बताया कि इसी मामले में वह जेल भेजा गया था। 31 अगस्त को जमानत पर जेल से छूटा था। तब से वह किराए के मकान में रह रहा था। मकान में देर रात तक पार्टी होती थी। तमाम लोग उसके घर आते-जाते थे। सड़क पर खड़े होकर गाली गलौज करता है, आदित्य की हरकतों से पूरा मोहल्ला परेशान था।

पुलिस की जांच में यह भी निकलकर सामने आया है जिस मकान में आदित्य रह रहा था, वह मकान हिमांशु श्रीवास्तव व सुधांशु श्रीवास्तव का है, वह यूपी पुलिस मे दारोगा है, उनकी तैनाती गोरखपुर में है। उन्होने ही आरोपी आदित्य को मकान किराए पर दिया था। एडीसीपी ने बताया कि शुरूआती जांच में पता चला है कि बिना एग्रीमेंट व बिना सत्यापन के आदित्य को किराए पर मकान दिया गया था। आशंका है कि किसी परिचित के जरिए मकान दिया गया होगा या फिर सीधे मकान मालिक से परिचित हैं, पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है।

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