लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के फिट इंडिया को अमल में लाने और देश में आने वाली पीढ़ियों को सेहतमंद बनाने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय एक नया कदम उठाने जा रहा है। लखनऊ विश्वविद्यालय एक विशेष पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी में है, जिसमे गर्भवस्था के दौरान महिला को क्या करना और क्या नहीं करना है, सिखाया जायेगा।
'गर्भ संस्कार' पाठ्यक्रम में दो तरह के कोर्स होंगे
'गर्भ संस्कार' नाम के इस विशेष पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना बना ली गयी है और विश्वविद्यालय के आगामी सत्र में इस पाठ्यक्रम को शुरू कर दिया जाएगा। लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि महिला अध्ययन संस्थान ने 'गर्भ संस्कार' पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना तैयार की है।
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'गर्भ संस्कार' पाठ्यक्रम में दो तरह के कोर्स होंगे। एक तीन महीने का सर्टिफिकेट कोर्स होगा। जबकि दूसरा डिप्लोमा पाठ्यक्रम होगा, जिसकी अवधि छह माह तथा एक वर्ष की होगी। इस पाठ्यक्रम की कक्षाएं लेने के लिए चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों को तो शामिल किया ही जायेगा।
साथ ही संगीत के क्षेत्र से जुड़े लोग भी इससे जुड़ेंगे, जो गर्भावस्था के दौरान गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य पर संगीत के प्रभाव के बारे में जानकारी देंगे और यह भी बतायेंगे कि किस तरह के संगीत का क्या प्रभाव पड़ेगा।
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प्रवक्ता ने कहा कि इस 'गर्भ संस्कार' पाठ्यक्रम का मकसद गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान रहन-सहन व खान-पान संबंधी जानकारी दी जायेगी और साथ ही यह भी बताया जायेगा कि स्वस्थ्य शिशु को जन्म देने लिए उन्हे अपना ध्यान किस तरह रखना है और किस तरह तनाव रहित माहौल व स्वच्छ वातावरण में रहना चाहिए।
पाठ्यक्रम के शुरू होने के बाद इससे अच्छी संख्या में विद्यार्थी जुडे़ंगे
उन्होंने कहा कि यह पाठ्यक्रम उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के नजरिये के अनुरूप है। नया और अपनी तरह का पहला पाठ्यक्रम होने के कारण विद्यार्थियों में इसे लेकर बहुत उत्साह है।
उन्होंने आशा जताई कि इस पाठ्यक्रम के शुरू होने के बाद इससे अच्छी संख्या में विद्यार्थी जुडे़ंगे और यह पाठ्यक्रम देश की भावी पीढ़ी को स्वस्थ्य और सेहतमंद बनाने में कामयाब होगी।