बाढ़ से निपटने की तैयारी में जुटी UP सरकार, जिलों में बनाए जा रहे बाढ़ नियंत्रण केंद्र

यूपी के जलशक्ति मंत्री बाढ़ पर नियंत्रण के लिए पूरी तैयारी का दावां कर रहे हैं। लेकिन अभी पूरे यूपी में मानसून पूरी तरह से सक्रिय नहीं हुआ है।

Update: 2020-07-17 15:43 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मानसून के आगमन के साथ ही पूवाचंल के कई क्षेत्रों में बारिश का कहर चालू है। नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। यूपी के जलशक्ति मंत्री डॉ महेन्द्र सिंह बाढ़ पर नियंत्रण के लिए पूरी तैयारी का दावां कर रहे हैं। लेकिन अभी पूरे यूपी में मानसून पूरी तरह से सक्रिय नहीं हुआ है। हालांकि, जलशक्ति मंत्री स्थिति पर स्वयं पूरी नजर बनाये हुए हैं।

किसी भी तरह की लापरवाही पर होगी कड़ी कार्यवाही- जलशक्ति मंत्री

बाढ़ नियंत्रण के लिए हर जिले में अलग से एक कंट्रोल रूम बना कर उसका नम्बर जिलें में प्रसरित किया जा रहा है। बीते वर्ष जिन क्षेत्रों में बाढ़ आयी थी उन क्षेत्रों में राहत शिविरों की स्थापना की जा चुकी है। बाढ़ चैकी नाव, गोताखोर, खाद्यान्न वितरण, पशु शरणालय तथा पशुओं के लिए चारा आदि की व्यवस्था भी की गई है। बाढ़ खण्ड के अधिकारियों से राप्ती, घाघरा, आमी आदि नदियों के इस वर्ष का जलस्तर तथा पिछले वर्ष का अधिकतम डिस्चार्ज आदि के बारे में भी जानकारी लेते हुए कहा कि किसी भी स्थिति में कोई बन्धा क्षतिग्रस्त न होने पाए। यदि इसमें लापरवाही पाई गयी तो संबंधित के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी।

ये भी पढ़ें- राजस्थान सियासी ड्रामा: कटारिया ने गहलोत पर बोला हमला, पूछा ये सवाल

पहले चरण में बस्ती, सीतापुर बहराइच और गोंडा आदि जिलों के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करने के बाद शुक्रवार से जलशक्ति मंत्री ने दूसरे चरण के निरीक्षण की शुरूआत कर दी है। डॉ महेन्द्र सिंह ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के निरीक्षण के दूसरे चरण में शुक्रवार को पूर्वांचल के सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, कुशीनगर, देवरिया,गोरखपुर और बस्ती जनपदों का हवाई निरीक्षण कर संबन्धित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने तटबंधों पर दूर स्वयं जाकर निरीक्षण किया और जिम्मेदार अभियंताओं को निर्देश दिये कि बाढ़ से किसी प्रकार की क्षति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि बाढ़ के मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही होने पर संबन्धित अधिकारी की जवाबदेही तय करते हुये कठोर कार्रवाई की जायेगी।

जलशक्ति मंत्री ने अधिकारियों को दिए निर्देश

डा. सिंह ने हवाई निरीक्षण की शुरूआत जनपद महाराजगंज से की। इसके पश्चा्त जिलाधिकारी कार्यालय के सभागार के जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ एक बैठक कर बाढ़ से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की और आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने बाढ़ की आपदा से निपटने के लिए अधिकारियों को पूरी तैयारी कर लेने के निर्देश दिये। जलशक्ति मंत्री ने बैठक में गतवर्ष के दौरान इसी मौसम में नदियों और नालों में पानी के डिस्चार्ज की क्षमता की जानकारी ली।

ये भी पढ़ें- बाबू सिंह कुशवाहा ने कहा- सरकार की जन विरोधी नीतियों का करेंगे विरोध

इसके साथ ही उन्होंने सम्भावित बाढ़ के पूर्व की तैयारियों का लेखा जोखा लेकर सम्बन्धित अधिकारियों को बाढ़ से निपटने के लिए जरूरी सुझाव दिये। इसके साथ ही जल शक्ति मंत्री ने जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ से बचाव और राहत के लिए की गयी तैयारियों की जानकारी प्राप्त की। उन्होने महाराजगजं गडंक नदी (नारायणी) स्थित अमवाखास तटबंध के मध्य संचालित कटाव निरोधक कार्यो का निरीक्षण किया। इस बैठक में अपर मुख्य सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन टी बेंकटेश भी मौजूद थे। इसके बाद जल शक्ति मंत्री ने गोरखपुर में खड़गपुर, सहसापुर सोपाई तटबंध तथा जनपद बस्ती के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई निरीक्षण किया।

ये भी पढ़ें- नियमित टीकाकरण में इस बीमारी की वैक्सीन भी शामिल, जानें क्यों हुआ ऐसा फैसला

गोरखपुर के सर्किट हाउस में बैठक कर जिला प्रशासन तथा समन्धित अधिकारियों को बाढ़ नियंत्रण के लिए अलग से कन्ट्रोल बनाकर उसके नम्बर का व्यापक प्रचार प्रसार कराने का निर्देश देते हुए कहा कि सभी विभाग आपस में समन्वय बनाकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि आम जनता के बीच सिंचाई विभाग के कार्यों से विश्वास दिलाएं कि वे बाढ़ से सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि अधिकारी गोताखोरों की सूची भी अपने पास रखें जिससे आवश्यकता पड़ने पर उनकी सेवा ली जा सके तथा गांव के प्रधानों और सम्मानित लोगों की भी सूची रखी जाए और समय-समय पर गांव के लोगों से बात कर स्थिति की जानकारी ली जाए।

Tags:    

Similar News