LU के दीक्षांत समारोह में 107 मेधावियों को मिले मेडल, शैलजा को सर्वाधिक 13 पदक

Lucknow University: शैलजा ने बताया कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई लखीमपुर से ही की है। यहां कैलाश छात्रावास में रहती थी। पिता आशीष कुमार चौरसिया बिजनेसमैन और माता रीता नाग शिक्षिका हैं।

Report :  Abhishek Mishra
Update:2024-09-16 19:00 IST

LU के दीक्षांत समारोह में 107 मेधावियों को मिले मेडल (Photo Source: Ashutosh Tripathi)

Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय में सोमवार को 67वें दीक्षांत समारोह का आयोजन हुआ। यहां राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 107 मेधावियों को पदक वितरित किए। प्रतिष्ठित पदकों में छात्रा अनुष्का जैन को चांसलर गोल्ड मेडल, आयुष चौहान को चक्रवर्ती गोल्ड मेडल फॉर सर्विस और एनसीसी की अंशिका तिवारी को वाइस चांसलर गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया गया। समारोह में मेधावियों से 'न्यूज़ट्रैक' ने खास बातचीत की। 


 एसएससी परीक्षा की तैयारी कर रही शैलजा

एमएससी गणित की छात्रा शैलजा चौरसिया को दीक्षांत समारोह में सर्वाधिक 13 मेडल मिले। इनमें दस गोल्ड दो सिल्वर व एक ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। शैलजा ने बताया कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई लखीमपुर से ही की है। यहां कैलाश छात्रावास में रहती थी। पिता आशीष कुमार चौरसिया बिजनेसमैन और माता रीता नाग शिक्षिका हैं। एलयू से बीएससी पीसीएम और एमएससी गणित किया है। बीएससी में भी गणित में सबसे ज्यादा अंक लाने के लिए एक गोल्ड मेडल प्राप्त हुआ था। अभी आरबीआई और एसएससी परीक्षा की तैयारी कर रही हूं। आगे चलकर सिविल सेवा में जाने का इरादा है। 


 जज बनना चाहती हैं वैष्णवी

दीक्षांत में एलएलबी तीन वर्षीय पाठ्यक्रम की छात्रा वैष्णवी मिश्रा को कुल नौ पदक दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि अवध विश्वविद्यालय से संबद्ध एलबीएस पीजी कॉलेज से बीए किया है। कॉलेज में भी दो गोल्ड और सिल्वर मेडल प्राप्त हुआ है। पिता प्रभाकर मिश्रा रजिस्ट्री ऑफिस में कार्यरत हैं। माता सुनीता मिश्रा गृहिणी हैं। आगे चलकर जज बनना है। इसलिए पीसीएस-जे की तैयारी कर रही हूं। मेरा मानना है कि न्याय मिलने में बहुत समय लग जाता है। इसको लेकर बदलाव लाना चाहूंगी।


 सिविल सेवा की तैयारी कर रही रीमा

एमए एआईएच की रीमा चौधरी को भी नौ मेडल मिले। उन्होंने बताया कि हाईस्कूल सेंट पॉल कॉलेज और इंटरमीडिएट लॉरेटों कॉन्वेंट से किया है। पिता अभिजीत चौधरी नॉर्दन रेलेवे से रिटायर्ड हैं। माता रीता चौधरी दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग में कार्यरत हैं। अभी सिविल सेवा की तैयारी कर रही हूं। आगे रिसर्च के क्षेत्र में भी आगे बढ़ने के लिए पीएचडी करूंगी। मैं पुरानी धरोहरों को लेकर कार्य करना चाहूंगी। उनके अस्तित्व को पुनर्जीवित करना चाहती हूं। 

पदक पाने वाले विद्यार्थी

दीक्षांत समारोह में कुछ विद्यार्थियों को प्रतिष्ठित पदकों से नवाजा गया। इनमें अनुष्का को चांसलर गोल्ड, आयुष को चक्रवर्ती गोल्ड मेडल फॉर सर्विस और अंशिका तिवारी को वाइस चांसलर गोल्ड मेडल दिया गया है। 


 लोगों की मदद के लिए अनुष्का ने पढ़ी साइकोलॉजी

दीक्षांत समारोह में अनुष्का जैन को चांसलर गोल्ड मेडल दिया गया है। उन्होंने एलयू से मनोविज्ञान में एमए किया है। अनुष्का ने बताया कि दिल्ली के एलएसआर कॉलेज से बीए ऑनर्स पढ़ी हूं। हाईस्कूल सेंट फिडिलस और इंटरमीडिएट लॉरेटो कॉन्वेंट से किया है। पिता डॉ. नीरज जैन एलयू में प्रोफेसर ऑफ एमिनेंट और माता डॉ. अल्पना बाजपेयी क्रिश्चियन कॉलेज में साइकोलॉजी की शिक्षिका हैं। मैंने लोगों की मदद करने के लिए साइकोलॉजी की पढ़ाई की है। कला और संस्कृति को बढ़ावा देना मेरा मुख्य कार्य है। मुझे कहानियां सुनाना, कविताएं लिखना और संगीत सुनना बेहद पसंद है।


 आईएएस बनना चाहते हैं आयुष

आयुष चौहान को चक्रवर्ती गोल्ड मेडल फॉर सर्विस से सम्मानित किया गया है। वह मूलत: प्रतापगढ़ के कुंडा के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि एलयू से बीएससी गणित और एमए लोक प्रशासन की पढ़ाई की है। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई चिन्मया विद्यालय एनटीपीसी ऊंचाहार रायबरेली से की। पिता जितेंद्र सिंह जेई और माता कृष्णा सिंह गृहिणी हैं। अभी सिविल सेवा की तैयारी कर रहा हूं। आगे चलकर आईएएस बनने का लक्ष्य है।


 सीडीएस को तैयारी कर रहीं अंशिका

गोमती नगर की अंशिका तिवारी को वाइस चांसलर गोल्ड मेडल दिया गया है। वह एलयू से बीकॉम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई छत्तीसगढ़ के रायपुर से किया है। सीडीएस की तैयारी कर रही हैं। रक्षा क्षेत्र में जाना है। पिता बृजेश कुमार तिवारी यूपी पुलिस में एसएचओ और माता शिशु तिवारी गृहिणी हैं। मेरा मानना है कि देश में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना चाहिए। महिला सुरक्षा को लेकर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। छात्राओं को आत्मरक्षा के तौर तरीके भी सिखाने चाहिए।


 ललित कला संकाय के महज एक छात्र को मेडल

एलयू के ललित कला संकाय के सिर्फ एक छात्र को मेडल दिया गया है। बीएफए के समर अहमद को राज्यपाल ने चांसलर ब्रॉन्ज मेडल देकर सम्मानित किया। न्यूज़ट्रैक से बातचीत में समर ने बताया कि कोविड के दौरान टेक्सटाइल डिजाइन के बारे के पढ़ने की जिज्ञासा हुई। इसके कोर्स के खोजना शुरू किया। उसके बाद ललित कला संकाय में दाखिला लिया। शिक्षकों का काफी योगदान रहा। पिता आजमगढ़ के शिबली कॉलेज में बॉटनी के प्रोफेसर हैं। मां जरीना गृहणी हैं। भविष्य में डेक्सटाइल डिजाइनर बनने का लक्ष्य है। 


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