Lucknow: पुनर्वास विवि में बीपीओ और एमपीओ पाठ्यक्रम में दाखिले शुरू, शत प्रतिशत प्लेसमेंट रिकॉर्ड
Rehabilitation University: पुनर्वास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय सिंह के मुताबिक पैरामेडिकल एवं रिहैबिलिटेशन साइंसेज फैकल्टी के तहत प्रोस्थेटिक एवं ऑर्थोटिक विभाग में संचालित पाठ्यक्रमों के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू हो गए हैं। बैचलर ऑफ प्रोस्थेटिक एवं ऑर्थोटिक पाठ्यक्रम चार साल व 6 महीने का यूजी पाठ्यक्रम है। इसमें छह महीने की इंटर्नशिप करनी जरूरी है।
Lucknow News: डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में बैचलर ऑफ प्रोस्थेटिक एंड ऑर्थोटिक और मास्टर ऑफ प्रोस्थेटिक्स एवं ऑर्थोटिक्स पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जो अभ्यर्थी इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेना चाहते हैं वह विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। अभ्यर्थी बीपीओ में 30 जून और एमपीओ में 30 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं। जानकारी के मुताबिक इन पाठ्यक्रमों में 100 फीसदी प्लेसमेंट का रिकॉर्ड है। प्रोस्थेटिक एवं ऑर्थोटिक विभाग में बैचलर ऑफ प्रोस्थेटिक एवं ऑर्थोटिक(बीपीओ) एवं मास्टर ऑफ प्रोस्थेटिक एवं ऑर्थोटिक(एमपीओ) पाठ्यक्रमों की पढ़ाई संचालित है।
बीपीओ की 25 व एमपीओ की 10 सीटों के लिए आवेदन
पुनर्वास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय सिंह के मुताबिक पैरामेडिकल एवं रिहैबिलिटेशन साइंसेज फैकल्टी के तहत प्रोस्थेटिक एवं ऑर्थोटिक विभाग में संचालित पाठ्यक्रमों के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू हो गए हैं। बैचलर ऑफ प्रोस्थेटिक एवं ऑर्थोटिक पाठ्यक्रम चार साल व 6 महीने का यूजी पाठ्यक्रम है। इसमें छह महीने की इंटर्नशिप करनी जरूरी है। मास्टर ऑफ प्रोस्थेटिक एवं ऑर्थोटिक पाठ्यक्रम दो साल का पीजी पाठ्यक्रम है। उन्होंने बताया कि बीपीओ में 25 और एमपीओ में 10 सीटों पर दाखिले लिए जाएंगे। दोनों पाठ्यक्रम नई दिल्ली स्थित भारतीय पुनर्वास परिषद के अधीन हैं।
दोनों पाठ्यक्रमों में 100 प्रतिशत प्लेसमेंट रिकॉर्ड
पाठ्यक्रमों में शत प्रतिशत प्लेसमेंट रिकॉर्ड है। जानकारी के अनुसार चिकित्सा विज्ञान में प्रोस्थेटिक का मतलब कृत्रिम अंग होता है। इसका प्रयोग शरीर के विच्छेदन अंग को फिर से स्थापित करने के लिए किया जाता है। प्रोस्थेटिक अंग का इस्तेमाल कर मरीज अपने अंग को सही करवा सकता है। बता दें कि ऑर्थोटिस्ट स्वास्थ्य देखभाल का एक पेशेवर तरीका है। पाठ्यक्रम में पढ़ने वाले 100 फीसदी विद्यार्थियों को नौकरी मिल जाती है। पुनर्वास विश्वविद्यालय के लगभग सभी विद्यार्थियों का प्लेसमेंट हो चुका है। अभ्यर्थी इन दोनों पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने के लिए वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।