Union Budget 2024: बजट को अखिलेश ने बताया नाउम्मीदगी का पुलिंदा, मायावती बोलींः ’अच्छे दिन’ की उम्मीद कम

Union Budget 2024: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्रीय बजट को नाउम्मीदगी का ही पुलिंदा बताया है। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने केंद्रीय बजट को ’अच्छे दिन’ की उम्मीदों वाला कम मायूस करने वाला ज्यादा कहा।

Update:2024-07-23 14:23 IST

केंद्रीय बजट 2024 पर अखिलेश यादव और मायावती की प्रतिक्रिया (न्यूजट्रैक)

Union Budget 2024:  केंद्र सरकार द्वारा मंगलवार को संसद में पेश किए गए आम बजट पर विपक्ष के नेता अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्रीय बजट को नाउम्मीदगी का ही पुलिंदा बताया है। वहीं बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने केंद्रीय बजट को ’अच्छे दिन’ की उम्मीदों वाला कम मायूस करने वाला ज्यादा कहा।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि ये बजट भी नाउम्मीदगी का ही पुलिंदा है। शुक्र है इंसान इन हालातों में भी जिंदा है। उन्होंने कहा कि सरकार बचानी है तो अच्छी बात है कि बिहार, आंध्र प्रदेश को कुछ विशेष योजनाओं से जोड़ा गया लेकिन उत्तर प्रदेश जैसा प्रदेश जो प्रधानमंत्री देता है क्या वहां के किसान के लिए कुछ बड़े फैसले हुए?

साथ ही उन्होंने कहा कि जनता ने जब आपको तीसरी बार चुन कर भेजा है तो बजट के माध्यम से पक्की नौकरी के लिए क्या इंतजाम है? क्या हॉर्टिकल्चर क्रॉप्स के लिए आपके पास कोई एमएसपी देने का इंतजाम है? वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक के बाद एक तीन पोस्ट शेयर कर केंद्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। 

बसपा सुप्रीमा मायावती ने लिखा कि संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट अपने पुराने ढर्रे पर कुछ मुट्ठी भर अमीर व धन्नासेठों को छोड़कर देश के गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, महिलाओं, मेहनतकशों, वंचितों व उपेक्षित बहुजनों के त्रस्त जीवन से मुक्ति के लिए ’अच्छे दिन’ की उम्मीदों वाला कम बल्कि उन्हें मायूस करने वाला ज्यादा है। उन्होंने आगे लिखा कि देश में छाई जबरदस्त गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पिछड़ापन तथा यहाँ के 125 करोड़ से अधिक कमजोर तबकों के उत्थान व उनके लिए जरूरी बुनियादी सुविधाओं के प्रति इस नई सरकार में भी अपेक्षित सुधारवादी नीति व नीयत का अभाव है।

बजट में ऐसे प्रावधानों से क्या लोगों का जीवन खुश व खुशहाल हो पाएगा? उन्होंने लिखा कि देश का विकास व लोगों का उत्थान आँकड़ों के भूल भुलैया वाला न हो, बल्कि लोगों को त्रस्त जीवन से मुक्ति के लिए रोजगार के अवसर, जेब में खर्च के लिए पैसे व आमदनी जैसी बुनियादी तरक्की सभी को मिलकर महसूस भी हो। रेलवे का विकास भी अति-जरूरी है। सरकार बीएसपी सरकार की तरह हर हाथ को काम दे।

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