Lucknow News: शहर में डिप्थीरिया को लेकर अलर्ट, अस्पतालों में भेजे गए एंटी सीरम
Lucknow News: मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज अग्रवाल का कहना है कि अभी तक जिले में डिप्थीरिया के कोई संक्रमित नहीं मिले हैं। सभी बड़े अस्पतालों में बीमारी के एंटी डिप्थेरिक सीरम उपलब्ध है।
Lucknow News: राजधानी से सटे उन्नाव जिले में डिप्थीरिया के 187 मरीज मिलने के बाद शहर के लोगों में भी इसका दर बैठ गया है। इसके मद्देनजर लखनऊ के अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था के इंतजाम पुख्ता हैं। बता दें कि अभी यहां डिप्थीरिया का कोई मरीज नहीं मिला है। बचाव के नजरिए से स्कूलों में टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है।
जिले में अभी नहीं फैला डिप्थीरिया
लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज अग्रवाल का कहना है कि अभी तक जिले में डिप्थीरिया के कोई संक्रमित नहीं मिले हैं। सभी बड़े अस्पतालों में बीमारी के एंटी डिप्थेरिक सीरम उपलब्ध है। लखनऊ में डिप्थीरिया का संक्रमण नहीं फैला है। इसके अतिरिक्त सतर्कता बरतने के लिए तैयारी पूरी है। उन्होंने बताया कि एक साल के बच्चे को डीपीटी के तीन टीके लगते हैं। डेढ़ साल पर चौथा और चार साल की उम्र में पांचवां टीका लगता है।
इन लक्षणों पर हो जाएं अलर्ट
डिप्टी सीएमओ डॉ. एपी सिंह के मुताबिक डिप्थीरिया को आम बोलचाल में गलघोंटू कहा जाता है। यह कॉरीने बैक्टेरियम बैक्टीरिया से होता है। ज्यादातर बच्चे इसकी चपेट में आते हैं। बैक्टीरिया सबसे पहले गले में इंफेक्शन करता है। संक्रमण से एक झिल्ली बन जाती है, जिससे सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। यदि बच्चों को सांस लेने में कठिनाई हो, गर्दन में सूजन, ठंड लगे, बुखार हो, गले में खराश, खांसी जैसे लक्षण हों तो अलर्ट हो जाएं।
स्कूलों में बच्चों को लग रहे टीके
उन्नाव में मिले मरीजों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने स्कूलों में टीकाकरण अभियान तेज कर दिया है। जिले के स्कूलों में बच्चों को टीके लगाए जा रहे हैं। अस्पतालों में एंटी डिप्थेरिक सीरम उपलब्ध है। संदिग्ध मरीजों की स्क्रीनिंग कराई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो इस साल अभी तक 31 बच्चों में डिप्थीरिया की पुष्टि हुई है। चार मरीजों की जान जा चुकी है। इनमें आसपास के जिले के भी मरीज हैं।