Lucknow News: बलरामपुर नेत्र विभाग में कमरों से ज्यादा डॉक्टर, टेक्नीशियनों के कमरे पर किया कब्जा

Balrampur Hospital: ओपीडी में डॉक्टरों के बैठने की जगह नहीं है। कुछ डॉक्टरों ने नेत्र परीक्षण अधिकारी (टेक्नीशियन) के कमरे तक में बैठना शुरू कर दिया है। सप्ताह में डॉक्टरों की एक दिन ओपीडी और एक दिन ओटी होती है। एक दिन फ्री डे के नाम पर छुट्टी होती है। ओपीडी और ऑपरेशन की संख्या के हिसाब से अस्पताल में छह स्थायी डॉक्टर ही काफी है।

Report :  Abhishek Mishra
Update:2024-04-20 11:30 IST

Lucknow News: बलरामपुर अस्पताल में नेत्र रोग ओपीडी में डॉक्टरों की संख्या ज्यादा होने से कमरे कम पड़ गए है। मानक से अधिक डॉक्टर विभाग में तैनात हैं। इस समय नेत्र रोग विभाग में 11 डॉक्टर हैं। जानकारी के मुताबिक डॉक्टरों ने टेक्नीशियनों के कमरे पर कब्जा कर लिया है। जिससे मशीनों को हटाकर दूसरी जगह रखा गया है। अस्पताल प्रशासन के अफसर इस मामले पर कुछ बोलने से इंकार कर रहे हैं।

एक डॉक्टर का बार-बार हो रहा रिनीवल

डॉ. अजय वैद्या पर बलरामपुर में मोतियाबिंद के नाम पर मरीज से 4300 रुपए वसूली करने का आरोप है। उन्हें यूपीएचएसएसपी योजना के तहत नेत्र रोग विभाग में वर्ष 2018 में संविदा पर तैनात किया गया था। लेकिन 2019 में यूपीएचएसएसपी योजना ही बंद हो गई। इसके बाद डॉ. वैद्या को एनएचएम योजना के तहत तैनाती दे दी गई। बलरामपुर अस्पताल के लिए लगातार उनका रिनीवल हो रहा है। बता दें कि बलरामपुर में उनके अलावा 10 डॉक्टर हैं। जिनमें सर्जरी और ओपीडी करने वाले 6 स्थायी नेत्र रोग विशेषज्ञ व 4 अन्य डॉक्टर संविदा पर तैनात हैं। इनमें तीन डॉक्टर ऑपरेशन नहीं करते हैं।

मानक से अधिक डॉक्टर तैनात

अस्पताल के नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में रोज करीब चार सौ मरीज उपचार के लिए आते हैं। इनमें से रोजाना 25 से अधिक मरीज ऑपरेशन के लिए भर्ती किए जाते हैं। जानकारी के मुताबिक बलरामपुर के नेत्र रोग विभाग में स्थायी पदों से अधिक संविदाकर्मी नेत्र रोग विशेषज्ञ तैनात हैं। ओपीडी में डॉक्टरों के बैठने की जगह नहीं है। कुछ डॉक्टरों ने नेत्र परीक्षण अधिकारी (टेक्नीशियन) के कमरे तक में बैठना शुरू कर दिया है। सप्ताह में डॉक्टरों की एक दिन ओपीडी और एक दिन ओटी होती है। एक दिन फ्री डे के नाम पर छुट्टी होती है। ओपीडी और ऑपरेशन की संख्या के हिसाब से अस्पताल में छह स्थायी डॉक्टर ही काफी है। जबकि शहर के दूसरे सरकारी अस्पतालों में मानक से कम नेत्र रोग विशेषज्ञ तैनात हैं। बलरामपुर अस्पताल के एक नेत्र रोग विशेषज्ञ के मुताबिक नई तकनीक और मशीनों से अब मोतियाबिंद के ऑपरेशन में मरीज को 24 घंटे के अंदर ही छुट्टी दे दी जाती है। पहले मोतियाबिंद के ऑपरेशन में दो से तीन दिन बाद छुट्टी दे दी जाती थी।

संविदाकर्मियों की जानकारी जुटाई जा रही

बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. पवन कुमार अरुण के अनुसार अस्पताल में इस समय छह स्थायी व पांच संविदा नेत्र रोग विशेषज्ञ तैनात हैं। इस संबंध में जानकारी इकट्ठा की जा रही है कि संविदा कर्मी किस मानक के आधार पर रखे गए हैं।

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