Lucknow News: बलिदान दिवस पर याद किये गए भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव, भारत निर्माण में छात्रों की भूमिका पर हुई चर्चा

Lucknow News: भारत समृद्धि एवं शारदा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस" की तरफ से आयोजित संगोष्ठी में देश के महान क्रांतिकारीयों 'शहीद ए आजम भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव के बलिदान दिवस पर शहीदों को यादा किया गया

Newstrack :  Network
Update:2024-03-23 17:38 IST

भारत समृद्धि एवं शारदा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में बलिदान दिवस पर याद किये गए भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव: Photo- Newstrack

Lucknow News: प्रदेश की राजधानी लखनऊ में "भारत समृद्धि एवं शारदा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस" की तरफ से आयोजित संगोष्ठी में देश के महान क्रांतिकारीयों 'शहीद ए आजम भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव के बलिदान दिवस पर शहीदों को यादा किया गया और शहीदों के सपनों का भारत निर्माण करने में छात्रों की भूमिका की चर्चा की गई।  

इस अवसर पर संगोष्ठी में शारदा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में आयोजित संगोष्ठी " शहीदों के सपनों का भारत के मुख्य वक्ता ऑल इण्डिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे थे। संगोष्ठी को शारदा ग्रुप ऑफ इस्टीच्युसन के निदेशक प्रो विवेक मिश्र, भारत समृद्धि के त्रिवेणी मिश्र ने मुख्यतया संबोधित किया । संगोष्ठी का संचालन सर्वजनहिताय संरक्षण समिति की महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष रीना त्रिपाठी ने किया।

जातीय विद्रूपताओं व् संकीर्णताओं को खत्म करें

संगोष्ठी के मुख्य वक्ता शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि "भगत सिंह के स्मरण का अर्थ है हर क्षेत्र, हर दल और विचार में घुसी जातीय विद्रूपताओं व् संकीर्णताओं को अपने व्यवहार से ख़त्म करें, दहेज़, कन्या भ्रूण हत्या, स्त्री अपमान, अंध विश्वास भगत सिंह की क्रांतिकारी ज्वालाओं में भस्म हों तभी उनका स्मरण सार्थक होगा। उन्होंने कहा जहां भी अन्याय, जुल्म और अनाचार है उसके खिलाफ उठने वाली हर आवाज भगत सिंह की है।

देश के महान क्रांतिकारी भगत ने कहा था कि

भगत सिंह ने कहा कि युद्ध छिड़ा हुआ है और यह युद्ध तब तक चलता रहेगा जब तक कि शक्तिशाली व्यक्ति भारतीय जनता और श्रमिकों की आय के साधनों पर एकाधिकार जमाये रखेंगे । चाहे ऐसे व्यक्ति अंग्रेज पूंजीपति हों या सर्वथा भारतीय पूंजीपति । भगत सिंह ने कहा कि यह युद्ध न तो हमने प्रारम्भ किया है और न यह हमारे जीवन के साथ समाप्त होगा । भगत सिंह ने कहा कि हम गोरी बुराई की जगह काली बुराई को लाकर कष्ट नहीं उठाना चाहते हैं । बुराइयाँ एक स्वार्थी समूह की तरह एक दूसरे का स्थान लेने के लिए तैयार रहती हैं । संगोष्ठी में रीना त्रिपाठी ने छात्रों को नशा मुक्ति का संकल्प दिलाया ।

रीना त्रिपाठी, भारत समृद्धि

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