Lucknow News: 27 बुलडोजरों से 279 मकान ढहाए गए, मंदिरों से शिफ्ट की गईं मूर्तियां

Lucknow News: अकबरनगर प्रथम में अब महज 25 फीसदी हिस्सा ही जमींदोज करने के लिए बचा है। इसे आज यानि सोमवार को तोड़ा जाएगा, जिसके बाद पूरा इलाका मैदान हो जाएगा। सिर्फ धार्मिक स्थल ही बचेंगे।

Report :  Jugul Kishor
Update: 2024-06-17 03:27 GMT

अकबरनगर में बुलडोजर एक्शन (Pic: Social Media)

Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अकबरनगर में बीते सात दिनों से लगातार अवैध मकानों को जमीदोंज किया जा रहा है। रविवार को बुलडोजर कार्रवाई से कुल 279 मकानों को जमींदोज किया गया। अवैध मकानों को जमींदोज करने के दौरान खास बात यह रही कि तीन मंदिरों से भगवान की मूर्तियों को हटाकर दूसरे मंदिरों में स्थापित किया गया। मूर्तियों को विस्थापित करने से पहले विधि-विधान से हवन-पूजन एवं आरती की गई, इसके बाद दूसरे मंदिरों में ले जाया गया।

तीन जगह ले जाकर स्थापित कीं मूर्तियां

अकबरनगर प्रथम में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान तीन मंदिर भी दायरे में आए। इनमें एक मंदिर मुख्य सड़क पर, दूसरा गली के मोड़ पर व तीसरा मंदिर बस्ती में है। तीनों मंदिरों में पुरोहितों की टीम ने देवी- देवताओं की पूजा-आरती की। इस दौरान सुरक्षा कर्मियों का घेरा बनाया गया था, ताकि मीडिया कवरेज न कर सके। पूजन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मूर्तियों को गोमतीनगर स्थित एलडीए मुख्यालय के मंदिर, जनेश्वर मिश्र पार्क के मंदिर और बसंतकुंज योजना के मंदिर में स्थापित किया गया।


बताया जा रहा है कि अकबरनगर प्रथम में अब महज 25 फीसदी हिस्सा ही जमींदोज करने के लिए बचा है। इसे आज यानि सोमवार को तोड़ा जाएगा, जिसके बाद पूरा इलाका मैदान हो जाएगा। सिर्फ धार्मिक स्थल ही बचेंगे। अकबरनगर प्रथम में रविवार को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से पहले एलडीए वीसी डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने पूरे लाव-लश्कर के साथ बस्ती का निरीक्षण। इसके बाद वहां गए जहां घरों को तोड़ने के लिए चिह्नित किया गया था। उधर, जिन परिवारों को बसंतकुंज में प्रधानमंत्री आवास आवंटित किए गए थे, वे सुबह से शाम तक गृहस्थी समेटने में लगे रहे।

मंदिर मस्जिद को ढहाने का बदला प्लान

बता दें कि अकबरनगर प्रथम और द्वितीय में धार्मिक स्थल मदरसा और स्कूल भी हैं। इन्हे भी ध्वस्त किया जाएगा। हालांकि किसी तरह का विवाद न हो इसके लिए मंदिर और मंस्जिदों को एक साथ गिरानें की प्लानिंग हैं। लेकिन अभी कोई भी अधिकारी इस मुद्दे खुलकर बात करने को तैयार नहीं हो रहा है। 

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