Lucknow News: हम हो गए 13 साल में 13 लाख, रोजगार सबसे बड़ी चुनौती

World Population Day 2024: पिछले 13 सालों में लखनऊ की जनसंख्या में 13 लाख का इजाफा हुआ है। लखनऊ में करीब एक लाख पंजीकृत बेरोजगार हैं। बढ़ती आबादी रोजगार के लिए बड़ी चुनौती है।

Newstrack :  Network
Update: 2024-07-11 03:55 GMT

Lucknow News (Pic: Social Media)

Lucknow News: आज विश्व जनसंख्या (World Population Day 2024) दिवस पर राजधानी लखनऊ की बढ़ती आबादी के आंकड़ों पर गौर करने की जरूरत  है। लखनऊ की आबादी में हर साल एक लाख का इजाफा हो रहा है। साल 2011 में हुए जनगणना के अनुसार तब लखनऊ की जनसंख्या 45 लाख 89 हजार 838 थी। मगर 2024 में इन आकंड़ों ने आसमान छू लिया है। आज 2024 में लखनऊ की आबादी 59 लाख 46 हजार 781 हो गई है। इसके अनुसार पिछले 13 साल में लखनऊ की आबादी में 13 लाख की बढ़ोतरी हुई है। जाहिर है कि बढ़ती आबादी अपने साथ कई तरह की चुनौतियां भी लेकर आती है। इसमें सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरी है युवाओं के लिए रोजगार।

जनसंख्या में 13 लाख का इजाफा

भारत सरकार के महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त कार्यालय प्रत्येक 10 वर्ष के अंतराल पर जनगणना के आंकड़े जारी करता है। भारत में जनगणना आमतौर पर हर 10 साल के बाद की जाती है। पिछली जनगणना 2011 में की गई थी। इससे बाद 2021 में की जानी थी। मगर कोरोना महामारी के चलते इसे टाल दिया गया। इसलिए 2011 के बाद से जनगणना के कोई अधिकृत आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं। मगर चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव से पूर्व अनुमानित जनसंख्या के आंकड़े जारी करता है। इन्हीं आंकड़ों के हिसाब से लखनऊ की जनसंख्या में 13 लाख का इजाफा हुआ है। हालांकि, जनसंख्या संबंधी विशेषज्ञों का मानना है कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर लोगों में जागरुकता आ रही है। जनसंख्या नियोजन के लिए सभी क्षेत्रों में आधारभूत सुविधाएं में भी इजाफा हो रहा है। 

रोजगार बड़ी चुनौती

बढ़ती आबादी के साथ देश में युवाओं के लिए रोजगार बड़ी चुनौती बन गया है। देश में बेरोजगारी दर लगातार बढ़ रही है। हालांकि, युवाओं में कौशल बढ़ाने के लिए सरकार काम कर रही है। स्टार्टअप से युवाओं को जोड़कर उन्हें स्वरोजगार करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके परिणाम भी दिख रहे हैं मगर इसे ग्रोथ में बदलने की जरूरत है। जिला सेवायोजन अधिकारी लखनऊ प्रज्ञा त्रिपाठी के अनुसार बढ़ती आबादी को नियोजित करने के लिए रोजगार मेलों के माध्यम से रोजगार दिलाया जा रहा है। मेलों में बड़ी संख्या में निजी कंपनियों आगे आ रही हैं, जो नौकरियां और रोजगार उपलब्ध करा रही हैं। 

लखनऊ में एक लाख से अधिक पंजीकृत बेरोजगार

बड़ी संख्या में युवाओं को स्वरोजगार के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। इसके साथ ही युवाओं को जिला उद्योग केंद्र, खादी ग्रामोद्योग, नगरीय विकास अभिकरण व कृषि क्षेत्र में स्वरोजगार की संभावनाओं के बारे में जागरुक किया जा रहा है। इसके साथ ही इनसे जुड़ी तमाम योजनाओं का लाभ भी दिया जा रहा है। लखनऊ में अभी पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या एक लाख के करीब है। इमें हर वर्ष 10 से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती है। इन पंजीकृत बेरोजगारों के आंकड़े को देखते हुए नौकरी और स्वरोजगार के नए रास्ते निकालने की कोशिश की जा रही है।

सरकार का स्वरोजगार पर जोर

उपायुक्त उद्योग लखनऊ मनौज चौरसिया का कहना है कि लखनऊ में दो लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव आए हैं। इन निवेश से भविष्य में हजारों नौकरियों के अवसर बनेंगे। उद्योगों का लगातार विस्तार हो रहा है। विस्तार होने से तमाम नए क्षेत्रों में संभावनाएं पैदा हो रही हैं। लखनऊ में करीब एक लाख एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) इकाइयां पंजीकृत हैं। इनकी संख्या में लगातार इजाफा भी हो रहा है। युवाओं को स्टार्टअप शुरू करने के लिए बैंकों से लोन भी उपलब्ध कराया जा रहा है। ये लोन आसानी से कम ब्याज पर लिया जा सकता है। इसके साथ ही सरकार रोजगार बढ़ाने के लिए कई योजनाएं भी चला रही है।

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