Lucknow News: प्रॉपर्टी में नाम बदलवाना होगा सस्ता, आवास विकास की नई योजना का प्रस्ताव
Lucknow News: आवास विकास प्रॉपर्टी का नाम बदलना सस्ता करने जा रहा है। इसके नए नियम से अब हमे नामांतरण फीस प्रॉपर्टी के एक पर्सेंटेज के हिसाब से नहीं देना पड़ेगा।
Lucknow News : उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद द्वारा खरीदे किसी भी प्रकार के प्रॉपर्टी जैसे आवासीय या फिर व्यवसायिक, खरीदना चाहते है या खरीद चुके है तो उन लोगों के लिए यह खबर खुशी की लहर बन सकती है। उन्हे अब नाम बदलवाने में किसी भी प्रकार का ज्यादा शुल्क नहीं देना पड़ेगा। हाउसिंग डेवलपमेंट काउंसिल ने अब नामांतरण का शुल्क सस्ता कर दिया है। जिसमे आपको अब प्रॉपर्टी के हिसाब से 1 पर्सेंटेज का शुल्क देना जरूरी नहीं है।
हाउसिंग डिवेलपमेंट काउंसिल, लखनऊ विकास प्राधिकरण(LDA) के आधार पर फीस के इस प्रस्ताव को तैयार कर रहा है। बोर्ड की बैठक में इसे परिषद् द्वारा 19 मई को पेश किया जाएगा। यदि इस प्रस्ताव को ग्रीन सिग्नल मिल जाता है तो पूरे उत्तर प्रदेश में आवास विकास की प्रॉपर्टी को खरीदकर नाम अपने नाम करने में ज्यादा खर्च नहीं आएगा।
इसके अतिरिक्त प्रॉपर्टी रेगुलेटरी में भी संशोधन करने की तैयारी चल रही है। विशेष रूप से, बिजनेस प्रॉपर्टी को बिछने के समय ऑक्शन में कई बार एक ही पार्टी बोली लगाने को होती है जिससे प्रॉपर्टी का वितरण करने में दिक्कत होती है। इस परेशानी को सही करने के लिए रेगुलेटरी में सुधार करने का प्रस्ताव बनाया जा रहा है।
नामांतरण में तीन तरह के शुल्क होने का अनुमान
आवास विकास परिषद नामांतरण के लिए 3 तरह के शुल्क को लागू कर सकता है। पहली तीन हजार रुपये, दूसरा दस हजार और तीसरा 20 हजार रुपये तक यह तय हो सकती है। ये कहा जा सकता है कि अधिकतम शुल्क 20 हजार रुपए होगा।
नामांतरण फीस का प्रस्ताव उनके लिए रखा जा रहा है, जो मुख्य वितरण या, उनके मालिकों से खरीदते है। इसके साथ, मृतक आश्रितों के लिए नौ हजार रुपये समाचार पत्रों में सूचना देने का फीस और पांच हजार रुपये नामांतरण फीस हो सकता है। साथ ही मूल वितरण में संपत्ति एक बार से अधिक बिकी होगी तो उसका नामांतरण कराने पर फीस के साथ एक निश्चित अमाउंट को भी बनाया जा सकता है जैसा कि LDA ने 10 हजार रुपये का फीस तय किया है।
वर्तमान में क्या है स्थिति?
आवास विकास परिषद वर्तमान में संपत्ति का नामांतरण कराने वालों से संपत्ति का एक प्रतिशत शुल्क वसूल जा रहा है। जिसका अर्थ यह है कि 35 लाख की संपत्ति पर 35000 रुपये, 50 लाख की संपत्ति पर 50000 रुपये और 1.50 करोड़ की संपत्ति पर 1.50 लाख रुपये का नामांतरण शुल्क आवेदक को जमा करना पड़ता है।