Mayawati: एमएलसी चुनाव को लेकर मायावती ने लिया सपा को आड़े हाथ, बोलीं – हार निश्चित थी, फिर भी दलित-ओबीसी उम्मीदवार उतार

Mayawati:समाजवादी पार्टी ने यह चुनाव पिछड़ों और दलितों को आगे बढ़ाने के नाम पर लड़ा था लेकिन उसे फिर भी कामयाबी नहीं मिली।

Update: 2023-05-30 12:04 GMT
Mayawati (photo: social media )

Mayawati News: उत्तर प्रदेश विधान परिषद की दो सीटों पर चुनाव कल यानी सोमवार 28 मई को संपन्न हुए और शाम तक परिणाम भी जारी कर दिए गए। जैसा कि विधानसभा में संख्या बल को देखते हुए अपेक्षित था, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के दोनों उम्मीदवार आराम से अपनी जीत सुनिश्चित करने में सफल रहे। समाजवादी पार्टी द्वारा इस चुनाव में प्रत्याशी उतारने के कारण 20 साल बाद एमएलसी उपचुनाव में वोटिंग की नौबत आई।

समाजवादी पार्टी ने यह चुनाव पिछड़ों और दलितों को आगे बढ़ाने के नाम पर लड़ा था लेकिन उसे फिर भी कामयाबी नहीं मिली। चुनाव के नतीजे आने के बाद बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सपा को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने हार निश्चित होने के बावजूद सपा द्वारा दलित और पिछड़ी जाति से आने वाले नेताओं के चुनाव लड़ने के फैसले पर सवाल उठाए।

सपा पर मायावती का जोरदार अटैक

बसपा प्रमुख मायावती ने अपने एक ट्वीट में समाजवादी पार्टी पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने लिखा, यूपी विधान परिषद की दो सीटों के लिए कल हुए उपचुनाव में, हार निश्चित होने के बावजूद, चुनाव में सपा द्वारा दलित व ओबीसी उम्मीदवार को खडा करना, हरवाना तथा ज्यादा संख्या बल होने पर इनकी अनदेखी करना यह साबित करता है कि इन वर्गों के प्रति सपा की षडयंत्रकारी नीति थोड़ी भी नहीं बदली।

पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा, . सपा व इनकी रही सरकारों के दौरान इनकी ऐसी ही संकीर्ण व घृणित राजनीति से दलितों, अन्य पिछड़ों एवं अक्लियत समाज के लोगों का काफी अहित होता रहा है। इसीलिए आगे ऐसे नुकसान से बचने के लिए इन वर्गों के लोगों को हमेशा बहुत ही सावधान रहने की सख़्त ज़रूरत है, बीएसपी की यह अपील।

उपचुनाव के क्या रहे परिणाम ?

सोमवार को विधान परिषद की दो सीटों पर हुए मतदान के बाद आए नतीजे में भारतीय जनता पार्टी बाजी मारने में कामयाब रही। उसके दोनों उम्मीदवार पद्मसेन चौधरी और मानवेंद्र सिंह बड़े अंतर से जीतने में कामयाब रहे। वहीं, सपा के दोनों उम्मीदवार रामजतन राजभर और रामकरन निर्मल को हार का सामना करना पड़ा। बता दें कि विधानसभा में संख्या बल को देखते हुए इन दोनों सीटों पर बीजेपी की जीत निश्चित थी। फिर भी सपा ने जातीय समीकरण को साधने के लिए पिछड़े समाज से आने वाले रामजतन राजभर और दलित (धोबी) समुदाय से आने वाले रामकरन निर्मल को मैदान में उतारा था।

इन दलों ने नहीं लिया था हिस्सा ?

सोमवार को विधान परिषद की दो सीटों पर हुए मतदान का कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने बहिष्कार किया था। विधानसभा में कांग्रेस के दो जबकि बीएसपी के मात्र एक विधायक हैं। इसके अलावा सपा विधायक मनोज पारस भी मतदान के दौरान अनुपस्थित रहे। तीन अन्य विधायक अब्बास अंसारी, इरफान सोलंकी और रामाकांत यादव जेल में होने के कारण वोट नहीं डाल पाए।

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