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Mayawati: मायावती ने महाराष्ट्र के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा की बैठक, बोलीं तन-मन-धन से जुट जाएं कार्यकर्ता व नेता

Mayawati: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने गुरुवार को महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की।

Jugul Kishor
Published on: 25 May 2023 8:26 PM IST
Mayawati: मायावती ने महाराष्ट्र के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा की बैठक, बोलीं तन-मन-धन से जुट जाएं कार्यकर्ता व नेता
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मायावती ( सोशल मीडिया)

Mayawati: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने गुरुवार को महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की। मायावती ने बैठक में कार्यकर्ताओं को नेताओं को महाराष्ट्र में संगठन मजबूत करने के निर्देश दिए। मायावती ने कहा कि कार्यकर्ता और नेता अभी से ही तन-मन-धन से जुट जाएं। उन्होने कहा महाराष्ट्र में राजनीतिक अस्थिरता के कारण विकास बुरी तरह से प्रभावित है।

मायावती ने संगठन की मजबूत करने के लिए निर्देश दिए

मायावती ने कहा कि महाराष्ट्र के लिए बड़े दुःख की बात है कि, बीएसपी एक पार्टी व मूवमेन्ट के रूप में पहले डाक्टर भीमराव अम्बेडकर और फिर मान्यवर कांशीराम की कर्मभूमि वाले उस बड़े राज्य में उतनी प्रभावी नहीं है जितना कि उसे आगे बढ़कर कम से कम राजनीति का बैलेन्स आफ पावर वहाँ अब तक जरूर बन जाना चाहिए था, जबकि यूपी इन मामलो में चार बार अपनी सरकार बनाकर कई नए कीर्तिमान स्थापित कर चुका है। महाराष्ट्र में ख़ासकर आगामी लोकसभा आमचुनाव तथा उसी के साथ ही वहाँ संभावित विधानसभा आमचुनाव के भी होने को लेकर विशेष लगन व तैयारी की ज़रूरत है, जिसके लिए पूरे तन, मन, धन अभी से ही सभी को लग जाना बहुत जरूरी।

महाराष्ट्र में विकास प्रभावित

महाराष्ट्र में अनवरत जारी राजनीतिक सत्ता व स्वार्थ की लड़ाई, आपसी उठापटक, वैमनस्य के जारी खेल से राजनीतिक अस्थिरता का माहौल, जिससे वहाँ आमजन का हित, कल्याण व विकास बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है, जो अति दुःखद। साथ ही, स्वयं को दलित व बहुजन समाज के हितों की रक्षक मानने वाली गुलाम मानसिकता वाले तत्वों की लगातार बनी दुर्दशा से समाज का हित भी प्रभावित।मायावती ने कहा कि ऐसे में डा. भीमराव अम्बेडकर और कांशीराम के हिसाब से राजनीतिक शक्ति के रूप में उभर कर सरकार में अपना मुकाम बनाने के लिए अपने तन, मन, धन की कोई भी कुर्बानी कम ही होगी।



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Jugul Kishor

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