Nishtha Tripathi Murder Case: निष्ठा त्रिपाठी हत्याकांड की जांच कहां तक पहुंची? पुलिस ने किया बड़ा खुलासा

Nishtha Tripathi Murder Case:पुलिस को अब इस केस में दूसरे आरोपी आदित्य शुक्ला की तलाश है। एडीसीपी पूर्वी सैयद अली अब्बास ने शुक्ला के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वह देवरिया का रहने वाला है और बीबीडी से कंप्यूटर साइंस के तीसरे वर्ष का छात्र है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-09-23 09:20 IST

Nishtha Tripathi Murder Case (photo: social media )

Nishtha Tripathi Murder Case: लखनऊ के चर्चित निष्ठा त्रिपाठी हत्याकांड की जांच जारी है। बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय (बीबीडी) की छात्रा निष्ठा की पिछले दिनों दयाल रेजीडेंसी स्थित एक फ्लैट में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना के वक्त वह अपने कुछ दोस्तो के साथ वहां पार्टी कर रही थी। मुख्य आरोपी आदित्य पाठक को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। तो वहीं एक अन्य आरोपी आदित्य शुक्ला फरार चल रहा है।

निष्ठा त्रिपाठी हत्याकांड में पुलिस की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस के अनुसार, घटना के दौरान मौके पर मृतक छात्रा के अलावा चार और लोग मौजूद थे। ये हैं, आदित्य पाठक, आदित्य शुक्ला, मोनू गौतम और अभिषेक नायर। गोली लगने के बाद जब खून से लथपथ निष्ठा को लोहिया अस्पताल आदित्य पाठक और मोनू ही ले गया था। दोनों अस्पताल में उसे छोड़कर फरार हो गए थे।

फरार आरोपी आदित्य शुक्ला की तलाश

पुलिस को अब इस केस में दूसरे आरोपी आदित्य शुक्ला की तलाश है। एडीसीपी पूर्वी सैयद अली अब्बास ने शुक्ला के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वह देवरिया का रहने वाला है और बीबीडी से कंप्यूटर साइंस के तीसरे वर्ष का छात्र है। मुख्य आरोपी आदित्य पाठक का वह बेहद करीबी दोस्त है। निष्ठा को जिस पिस्टल से गोली लगी थी, उसे उसने जनेश्वर मिश्र पार्क के गेट नंबर एक के पास झाड़ियों में फेंक दी थी।

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उसके बाद वह फरार हो गया। पुलिस ने झाड़ी से वह पिस्टल बरामद कर ली है। इस केस में आदित्य शुक्ला को भी आरोपी बनाते हुए आर्म्स एक्ट और साक्ष्य मिटाने की धारा लगाई गई है। उसकी तलाश के लिए पुलिस की तीन टीम को लगाया गया है, जो देवरिया समेत उसके अन्य संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है।


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दो अन्य को पुलिस ने दिया क्लीनचिट

निष्ठा त्रिपाठी हत्याकांड के वक्त वारदात स्थल पर चार लोग मौजूद थे, जिनमें से पुलिस ने दो को मोनू गौतम और अभिषेक नायर को क्लीन चिट दे दी है। पुलिस के मुताबिक, जिस मकान में मुख्य आरोपी आदित्य पाठक किराये प रहता था, उसके एक कमरे में मोनू भी रहता था। निष्ठा को जब आदित्य पाठक ने गोली मारी तब मोनू, आदित्य शुक्ला और अभिषेक नायर दूसरे कमरे में थे। पुलिस के मुताबिक, अभी तक की जांच में स्पष्ट हुआ कि मोनू और अभिषेक की घटना में संलिप्तता नहीं है। इसलिए दोनों को छोड़ दिया गया है। हालांकि, पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल भी उठ रहे हैं।


क्या हुआ था वारदात वाले दिन ?

मूलरूप से हरदोई की रहने वाली निष्ठा त्रिपाठी बीबीडी में बीकॉम थर्ड ईयर की पढ़ाई कर रही थी। पुलिस के मुताबिक, बीबीडी हॉस्टल छोड़कर निष्ठा दो माह पहले ही पारस नाथ सिटी में किराए पर रहने लगी थी। बुधवार देर रात गणेश उत्सव से अपने दोस्त आदित्य पाठक के दयाल रेजीडेंसी स्थित फ्लैट पर पहुंची थी। इस दौरान विवाद के बाद आदित्य ने पिस्टल से निष्ठा के सीने में गोली मार दी। पुलिस को फ्लैट के किचन से दारू की बोतलें और खाने के समान भी मिले थे।


परिवार ने आदित्य पर क्या लगाया आरोप ?

निष्ठा त्रिपाठी के पिता संतोष त्रिपाठी यूपी सहकारी ग्राम विकास बैंक में सीनियर मैनेजर हैं। उनका आरोप है कि आदित्य पाठक पिछले सात दिनों से निष्ठा को इंस्टाग्राम पर मैसेज कर परेशान कर रहा था। जिसकी शिकायत बेटी ने की थी। जिसके बाद उसे ब्लॉक करने को कहा था। पिता संतोष ने ये भी बताया कि वह चार दिन पहले ही घर से लौटी थी।


आदित्य ने पुलिस को क्या बताया ?

आरोपी आदित्य पाठक ने पुलिस से पूछताछ के दौरान बताया कि निष्ठा त्रिपाठी से मुलाकात कॉमन फ्रेंड के माध्यम से हुई थी। इसके बाद दोनों के बीच दोस्ती हो गई। इंस्टाग्राम पर मैसेज के बाद पिछले हफ्ते ही मिलना शुरू हुआ। उसने आगे बताया कि वारदात वाले दिन जब वह रात में अपने फ्लैट पहुंचा तो निष्ठा वहीं थी। इसी दौरान निष्ठा ने आलमारी में रखी पिस्टल देख ली और उससे खेलने लगी। उससे पिस्टल छीनने के दौरान गोली चल गई।

आदित्य का है क्रिमिनल बैकग्राउंड

निष्ठा त्रिपाठी हत्याकांड के मुख्य आरोपी आदित्य पाठक के खिलाफ हत्या, आर्म्स एक्ट और सबूत नष्ट करने के मामलों में केस दर्ज किया गया है। मूलरूप से बलिया का रहने वाले आदित्य का क्रिमिनल बैकग्राउंड है। वह इलाके में रंगदारी वसूलने और अपना दबदबा दिखाने के लिए मुंगेर की पिस्टल लगाकर घूमता था। वह रंगदारी के मामले में जेल से होकर भी आ चुका है। 31 अगस्त को तीन माह की सजा काटकर वह बाहर आया था।

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