Lucknow University: महिला अध्ययन संस्थान में लौटी पुरानी रंगत, आठ साल बाद कर सकेंगे पीएचडी
Lucknow University: महिला अध्ययन संस्थान की समन्वयक डॉ. मानिनी श्रीवास्तव ने पीएचडी प्रोग्राम भी दोबारा शुरू करने की तैयारी कर ली है। जिसे शैक्षिक सत्र 2024-25 पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में भी रखा गया है।
Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय में तकरीबन आठ वर्ष बाद विद्यार्थी महिला अध्ययन में पीएचडी कर सकेंगे। इसे शैक्षिक सत्र 2024-25 पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में शामिल किया गया है।
दोबारा शुरू हो रही पढ़ाई
एलयू में वर्ष 1997 में स्थापित महिला अध्ययन संस्थान में पुरानी रंगत वापस लौट आई है। बीते सत्र 2023-24 से महिला अध्ययन में परास्नातक पाठ्यक्रम शुरू हुआ। पीजी डिप्लोमा इन गर्भ संस्कार की पढ़ाई भी आरंभ हुई। वहीं अब महिला अध्ययन संस्थान की समन्वयक डॉ. मानिनी श्रीवास्तव ने पीएचडी प्रोग्राम भी दोबारा शुरू करने की तैयारी कर ली है। जिसे शैक्षिक सत्र 2024-25 पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में भी रखा गया है। डॉ. मानिनी का कहना है कि डीआरसी में देरी की वजह से सत्र 2023-24 के लिए जारी हुई नोटिस में विषय का नाम नहीं शामिल हो सका था। लेकिन इस सत्र में तीन सीटों पर एडमिशन लिए जाएंगे।
आठ साल पहले बंद कर दिए गए थे कोर्स
महिला अध्ययन संस्थान में छात्रों की रुचि कम होने के कारण कई कोर्स बंद कर दिए गए थे। सात वर्षों बाद शैक्षिक सत्र 2023-24 से महिला अध्ययन में एमए पाठ्यक्रम शुरू हुआ। इसी तरह वर्ष 2020 से बंद पीजी डिप्लोमा इन गर्भ संस्कार में भी दाखिले लिए गए।
विद्यार्थियों को गर्भ संस्कार में अवसर बताए
प्रवक्ता प्रो. दुर्गेश श्रीवास्तव के अनुसार, महिला अध्ययन संस्थान की ओर से वर्षों से बंद पाठ्यक्रमों को शुरू करने के लिए कई तरह के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसमें कॉलेजों और सोशल मीडिया का भी सहारा लिया गया। इनके माध्यम से जागरूकता फैलाने में सहायता मिली। लोगों को गर्भ संस्कार और महिला अध्ययन में बेहतर करियर और इससे होने वाले फायदों के बारे में बताया गया। ताकि विद्यार्थियों की रुचि इन कोर्स में दोबारा पैदा हो और वो इनमें दाखिला लें।