Electricity Privatization: विरोध प्रदर्शन, मोमबत्ती जुलूस, उज्जैन कुम्भ में निजी कम्पनी ने बिजली आपूर्ति करने से कर दिया था मना
Electricity Privatization: प्रयागराज के बिजली कर्मियों को संघर्ष समिति ने 28, 29 और 30 जनवरी को किसी भी आंदोलन से अलग रखा है और निर्देश दिया है कि वह महाकुंभ में बिजली की श्रेष्ठतम व्यवस्था का कीर्तिमान स्थापित करें।;
Lucknow News: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आवाहन पर विश्व के सबसे बड़े नगर कुंभ नगर में बिजली कर्मी बिजली का नया कीर्तिमान स्थापित करने हेतु पूरी तरह संकल्प बद्ध और तैयार है। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज में महाकुंभ में तथा पूरे प्रदेश में श्रेष्ठतम बिजली व्यवस्था बनाए रखने हेतु 29 जनवरी को पूरे प्रदेश में कोई विरोध प्रदर्शन नहीं किया जाएगा।
सरकार फैसला वापस ले
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2016 में उज्जैन महाकुंभ के दौरान उज्जैन की बिजली व्यवस्था निजी कंपनी के पास थी। निजी कंपनी ने महाकुंभ के दौरान बिजली का नेटवर्क तैयार करने और बिजली आपूर्ति करने से इनकार कर दिया था।इसके बाद मप्र सरकार को निजीकरण का करार रद्द करना पड़ा था।आज अगर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण हो गया होता तो प्रयागराज के महाकुंभ के दौरान उज्जैन जैसे ही हालत खड़े होते। उन्होंने कहा कि प्रयागराज का महाकुंभ निजीकरण के साए में हो रहा है ऐसे में बिजली कर्मियों द्वारा प्रयागराज में किए गए उत्कृष्ट कार्य को देखते हुए सरकार को निजीकरण के फैसले को तत्काल वापस लेना चाहिए।
मोमबत्ती जुलूस
संघर्ष समिति ने कहा कि निजी क्षेत्र की विमानन कंपनियों ने महा कुम्भ के दौरान लखनऊ से प्रयागराज का किराया 36 हजार रुपए कर दिया है। यदि बिजली निजी क्षेत्र में होती तो महाकुम्भ में 20-30 रु प्रति यूनिट की दरों पर बिजली मिलती। निजीकरण का फैसला लेते समय यह भी सरकार को विचार करना चाहिए। आज भी बिजली कर्मचारियों ने निजीकरण के विरोध में सभी जनपदों और परियोजना मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर मोमबत्ती जुलूस निकाला।
कुम्भनगर में बिजली कनेक्शन
संघर्ष समिति ने बताया कि महाकुंभ के दौरान प्रयागराज के कुंभ नगर में 4 लाख 25 हजार अस्थाई बिजली कनेक्शन दिए गए हैं ।11/0.4 केवी के 85 विद्युत उपकेंद्र बनाए गए हैं । 182 सर्किट किलोमीटर एचटी लाइन बनाई गई है और 1400 सर्किट किलोमीटर एलटी लाइन बनाई गई है। कुंभ नगर में बिजली के 340 डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर लगाए गए है। कुम्भ नगर में सुचारू विद्युत आपूर्ति हेतु 52000 बिजली के खम्भे लगाए गए हैं। महाकुंभ में निर्बाध बिजली आपूर्ति बनाए रखने हेतु प्रत्येक विद्युत उपकेन्द्र पर दो सोर्स से बिजली आपूर्ति की व्यवस्था की गई है। कुछ प्रमुख विद्युत उपकेंद्रों पर तीन सोर्स से बिजली आपूर्ति का इंतजाम किया गया है। संघर्ष समिति ने कहा कि अस्थाई बिजली कनेक्शन देने के लिए विश्व में कहीं पर भी स्थापित किया गया यह सबसे बड़ा बिजली का नेटवर्क है।
दिन रात जुटे हैं बिजलीकर्मी
उल्लेखनीय है कि प्रयागराज में 5 जनवरी को हुई बिजली पंचायत में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने प्रयागराज के सभी बिजली कर्मचारियों को संविदा कर्मियों और अभियंताओं को यह शपथ दिलाई थी कि महाकुंभ के दौरान श्रेष्ठतम बिजली आपूर्ति का कीर्तिमान स्थापित करेंगे। संघर्ष समिति के निर्देश पर 29 जनवरी को प्रयागराज के महाकुंभ में लगभग 10 करोड लोगों को बिजली की किसी प्रकार की दिक्कत न हो इस हेतु तमाम बिजली कर्मचारी दिन-रात जुटे हुए हैं और श्रेष्ठतम बिजली व्यवस्था का कीर्तिमान बनाने के लिए तैयार है।
इस बीच पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के निर्णय के विरोध में आज भी प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजना मुख्यालयों पर बिजली कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया और मोमबत्ती जुलूस निकाल कर अपना विरोध दर्ज किया। राजधानी लखनऊ में मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के मुख्यालय पर बिजली कर्मचारियों ने मोमबत्ती जुलूस निकाला। वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर,सीतापुर, बरेली, मुरादाबाद, गाजियाबाद, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, अलीगढ़, मथुरा, एटा,झांसी ,बांदा ,पनकी ,परीक्षा, ओबरा, अनपरा में बिजली कर्मियों के विरोध प्रदर्शन हुए और मोमबत्ती जुलूस निकाले गए।