Lucknow News: बड़े महादेव की पूजा से हो जाती थी बारिश..., काकोरी के इस शिव मंदिर में लगता है भक्तों का जमावड़ा
Lucknow News: सावन के महीनों में प्रचीन शिवालय दूर दराज से शिव भक्तों का काफी जमावड़ा लगता है। धाम में झारखंडी नाथ बड़े महादेव जी का मंदिर है।
Bada Mahadev Mandir Kakori: सावन के महीने में शिवालयों और शिव मंदिरों में महादेव भक्तों की भीड़ उमड़ी हुई है। मंदिरों के बाहर भोले के उपासक अपने आराध्य देव के एक बार दर्शन पाने के लिए घंटों-घंटों लंबी कतारों में इंतजार करते हैं। एक हाथ में बाबा के लिए जल तो दूजे हाथ में फूलों से सजी हुई टोकरी के बीच बम बम भोले, हर हर महादेव, भोले तुमसे न बड़ा कोई...जैसे कई गगनभेदी नारे लगाते हुए बाबा को रिझाने में लगे हुए हैं। मंदिरों के बाहर लाउड स्पीकर व साउंडों में शिव भक्ति के संगीत बज रहे हैं, इससे आसपास के पूरे वातवरण भक्तिमय माहौल छाया हुआ है। यह संगीत शिव भक्तों को लाइनों में झूमने तक विवश कर दे रहा है। ऐसा ही माहौल सावन के महीनों में लखनऊ सहित प्रदेश भर के शिव मंदिरों में देखने को मिल रहा है।
बड़े महादेव धाम पर लगता जमावड़ा
शहर से बीस किलोमीटर दूर काकोरी के बड़े महादेवन धाम स्थित प्राचीन शिवालय में भी यही माहौल देखने को मिल रहा है। सावन के महीनों में प्रचीन शिवालय दूर दराज से शिव भक्तों का काफी जमावड़ा लगता है। धाम में झारखंडी नाथ बड़े महादेव जी का मंदिर है। ऐसी मान्यता है कि इस शिवलिंग की स्थापना त्रेता युग में वीरवर लक्ष्मण ने की थी। इस मंदिर की खासियत यह है कि भक्तों की मान्यता दर्शन से पूर्ण होती है। सावन में यहां भक्तों का रेला देखने को मिलता है।
वीरवर लक्ष्मण ने स्थापित की शिवलिंग
मंदिर के महंत श्री श्री 108 राम आसरे दास महाराज ने बताया कि बड़े महादेव मंदिर में स्थापित शिवलिंग की स्थापना त्रेता युग में हुई थी। जब वीरवर लक्ष्मण, माता सीता को वाल्मीकि आश्रम छोड़ने जा रहे थे तब इस जगह पर रुके थे। इस दौरान उन्होंने शिवलिंग की स्थापना की थी। स्थानीय लोगों की मान्यता है कि सूखे के समय किसान व ग्रामीण जब बड़े महादेव जी की पूजा-अर्चना करते थे तो बारिश हो जाती थी। यह मंदिर आश्रम अयोध्या स्थित मौनी मांझा आश्रम से सम्बद्ध है। आश्रम में साधु संतों का आना-जाना लगा रहता है। आश्रम में साधु संत वास भी करते हैं।
मंदिर सेवा में लगे रहते हैं स्थानीय
बड़ा महादेवन मंदिर आबादी से दूर बना हुआ है। यह मंदिर और आश्रम आम के घने बाघों से घिरा है। यहां स्थित आश्रम काफी बड़ी जगह में फैला है। मंदिर पहुंचते ही शिव के दासों को भगवान के नजदीक होने का अनुभव मिलता है। इस मंदिर की काफी मान्यता और महत्ता है। काकोरी क्षेत्र में रहने वाले लोग मंदिर की सेवा में लगे रहते हैं। बड़ी संख्या में स्थानीय व बाहरी लोग मंदिर से जुड़े हुए हैं।
21 सालों की तपस्या में लीन राम आसरे महाराज
क्षेत्रीय लोगों की मानें तो महंत श्री 1008 श्री मौनी दास महाराज इसी मंदिर में रहते थे। हर समय मौन धारण किए रहने वाले बाबा के किस्से आज भी गांव के लोग बताते हैं। महंत श्री श्री 1008 शत्रुघ्न दास जी महाराज भी यहां रह चुके हैं। जानकारी के मुताबिक इस समय श्री श्री 108 राम आसरे दास महाराज जी आश्रम के महंत हैं। वह करीब 21 वर्षों की मौन तपस्या में लीन हैं।