Lucknow News: पेंशन घोटाले में निलंबित अकाउंटेट रेणुका राम गिरफ्तार, 1.42 करोड़ रूपए हड़पने का आरोप

Lucknow News: पिछले महीने 27 नवबंर को कोषाधिकारी राहुल सिंह ने एकाउंटेट रेणुका राम समेत पांच लोगों के खिलाफ कैसरबाग कोतवाली में एफआईआर दर्ज करवाई थी।

Report :  Jugul Kishor
Update: 2023-12-16 04:12 GMT

 निलंबित अकाउंटेट रेणुका राम गिरफ्तार (Social Media)

Lucknow News: राजधानी लखनऊ स्थित कलेक्ट्रेट स्थित कोषागार की निलंबित अकाउंटेंट रेणुका राम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कैसरबाग पुलिस ने रेणुका राम को जवाहर भवन के पास से गिरफ्तार किया है। रेणुका के ऊपर जवाहर भवन ट्रेजरी में तैनाती के दौरान रिश्तेदारों के नाम फर्जी पेंशन खाते खोल कर 1.42 करोड़ रूपए हड़पने का आरोप लगा था। उनके खिलाफ कोषाधिकारी ने कैसरबाग कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया था, जिसके बाद रेणुका राम को निलंबित कर दिया गया था।

रेणुका राम समेत पांच लोगों के खिलाफ दर्ज हुई है एफआईआर

इंस्पेक्टर सुधाकर सिंह ने बताया कि शुक्रवार को जवाहर भवन के पास से डालीगंज कुतबपुर निवासी रेणुका राम को गिरफ्तार कर लिया गया। पिछले महीने 27 नवबंर को कोषाधिकारी राहुल सिंह ने एकाउंटेट रेणुका राम समेत पांच लोगों के खिलाफ कैसरबाग कोतवाली में एफआईआर दर्ज करवाई थी। जांच में सामने आया कि रेणुका राम ने एकाउंटेट रहते हुए भतीजे विशाल, बहन गुलभी, चाची रामरती, परिचित प्रतींद्र के नाम से पेंशन एकाउंट खुलवाए थे। इन पांच खातों में पेंशन के तौर पर 1.42 करोड़ रूपए ट्रांसफर किए गए। विभागीय जांच में इसका खुलासा हुआ।

एसीपी ने रेणुका समेत अन्य आरोपियों के बयान दर्ज करने के लिए नोटिस भेजा था। विभागीय जांच में रेणुका ने फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे, वे भी पुलिस जांच में शामिल किए गए। सभी दस्तावेज पुलिस को विभाग की तरफ से उपलब्ध करवाए गए थे। शुक्रवार को पुलिस को सूचना मिली कि डालीगंज निवासी रेणुका राम जवाहर भवन में मौजूद है। इस सूचना पर कैसरबाग पुलिस टीम वहां पर पहुंची और उनको गिरफ्तार कर लिया। आरोपी रेणुका राम मूलरूप से यूपी के सिद्धार्थनगर के नौगढ़ की रहने वाली है। 

पुलिस ने पेंशन हड़पने के मामले में जांच के दौरान अब 409 आईपीसी (गबन) की धारा बढ़ाई है। इससे पहले आईपीसी की धारी 420, 467, 468, 471 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा में केस दर्ज हुआ था। जांच अधिकारी को गबन के सबूत मिले तो एक और धारा बढ़ाई गई है।

वहीं, पुलिस इस मामले में नामजद बाकी आरोपियों प्रतींद्र कश्यप, विशाल, गुलभी और रामरती की भूमिका की जांच कर रही है। इंस्पेक्टर कैसरबाग सुधाकर सिंह ने बताया कि नामजद आरोपियों के बैंक खातों का प्रयोग किया गया है। उन्होने कहा कि अभी यह जांच होना बांकी है कि खाताधारकों को रुपये मिल रहे थे या फिर रेणुका राम ही पैसे हड़प रही थी। इंस्पेक्टर ने बताया कि बाकी आरोपियों की भूमिका तय होने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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