Lucknow News: ‘ऐतिहासिक संरचनाओं के संरक्षण एवं परिरक्षण’ पर दस दिवसीय कार्यशाला का हुआ समापन

Lucknow News: प्रो. आलोक त्रिपाठी ने कहा कि कंजर्वेशन, प्रिजर्वेशन, रेस्टोरेशन, ब्यूटिफिकेशन के मध्य की बारीकियों पर प्रकाश डाला और आगे बताया कि इमारते सजीव होती है।

Report :  Abhishek Mishra
Update: 2024-08-05 14:30 GMT

दस दिवसीय कार्यशाला का हुआ समापन (Photo Source: Ashutosh Tripathi)

Lucknow News: उ.प्र. राज्य पुरातत्व निदेशालय और इंटैक कंजर्वेशन इंस्टीट्यूट की ओर से सोमवार को छतर मंजिल परिसर स्थित प्रशासकीय भवन में ऐतिहासिक संरचनाओं का संरक्षण एवं परिरक्षण विषय पर आयोजित दस दिवसीय कार्यशाला का समापन हुआ। यहां प्रमाणपत्र वितरण एवं समापन समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अपर महानिदेशक प्रो. आलोक त्रिपाठी मुख्य अतिथि रहे।


दस दिवसीय कार्यशाला का हुआ समापन

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. आलोक त्रिपाठी ने प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर उनका उत्साह वर्धन किया। उन्होंने कहा कि कंजर्वेशन, प्रिजर्वेशन, रेस्टोरेशन, ब्यूटिफिकेशन के मध्य की बारीकियों पर प्रकाश डाला और आगे बताया कि इमारते सजीव होती है। इनका संरक्षण करने से पूर्व इनसे संवाद स्थापित करनी चाहिए। प्रो. त्रिपाठी ने कहा कि हर एक ऐतिहासिक स्मारक और उसकी समस्याएं अलग अलग होती हैं, इसलिए आवश्यकता के अनुसार उनके संरक्षण की योजना बनाई जानी चाहिए।


कार्यशाला में हुए व्याख्यान

विभाग की निदेशक रेनू द्विवेदी ने लाइम रिसर्च एंड ट्रेसिंग सेंटर की स्थापना, परंपरागत प्राचीन इमारतों के निर्माण सामग्रियों, लाइम मोर्टार बनाने की तकनीक, सैंपलिंग, प्राचीन भवनों में प्रयुक्त होने वाले लाइम की गुणवत्ता, प्रयोगशालाओ में किए गए परीक्षणों के दौरान हाइड्रोलिक टेस्ट, हीट टेस्ट, आदि व्याख्यान के उपयोगिताओ पर प्रकाश डाला। इंटैक के निदेशक धर्मेन्द्र मिश्र ने कहा कि कार्यशाला के दस दिनों में सभी विषय से प्रतिभागियों को परिचय कराने और अधिक अधिक जानकारी देने का प्रयास किया गया है। भविष्य में इस विषय पर एक माह और पूरे दिन का सत्र आयोजित कराने का प्रस्ताव दिया। इस अवसर पर उपस्थित जयंत कृष्णा, कन्विनियर, इंटैक चैप्टर, लखनऊ ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए एतिहासिक संरचनाओं के संरक्षण और इनके सौंदर्यकरण पर जोर दिया। इस अवसर पर प्रतिभागियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

समारोह में मुख्य रुप से डॉ. राजीव कुमार त्रिवेदी, डॉ. कृष्ण मोहन दुबे, नवयुग कन्या महाविद्यालय की अध्यापिका डा. संगीता शुक्ला, डा. आभा पाल, खुनखून जी गर्ल्स डिग्री कॉलेज की डा. पारुल, इंटैक की अंशिका और पंकज पांडे, विभाग के राम विनय, ज्ञानेंद्र कुमार रस्तोगी, बलिहारी सेठ, अनिल सिंह, छात्र व छात्राएं उपस्थित रहे।

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