Lucknow News: एक महीना, हजारों पगमार्क्स और अनगिनत फुटेज, फिर भी नहीं पकड़ा गया बाघ
Lucknow News: जब लखनऊ के अधिकारी बाघ को पकड़ नहीं पाए तो उसे पकड़ने के लिए कानपुर जू की टीम बुलाई गई। दावा किया गया कि एक्सपर्ट्स उसे ट्रैंक्यूलाइज कर पकड़ लेंगे।
Lucknow News: एक महीना बीता, इलाके के हर खेत में बाघ के पगमार्क्स मिले, सैकड़ों लोगों ने बाघ को विचरण करते देखा, कई ट्रैप कैमरों में तस्वीरें कैद हुई। इसके बावजूद वन विभाग का भारी भरकम अमला बाघ के करीब नहीं पहुंच पाया। कई बार बाघ खुद ही टीम के सामने से शिकार छीन ले गया तैयारियों का दावा करने पर भी वन कर्मी बाघ को पकड़ नहीं सके। वन विभाग की इस लचर कार्यशैली का नतीजा यह है कि काकोरी और रहमान खेड़ा इलाके के हजारों लोग दहशत में हैं। लोग रातों ही नहीं दिन में भी अपने घरों से निकलने से डरने लगे हैं। आलम यह है कि अब इन इलाकों के लोग अकेले अपने खेतों पर भी नहीं जा रहे हैं। वन विभाग के सारे दावे भी फेल हो गए हैं।
कानपुर जू की टीम और थर्मल कैमरे भी नहीं आए काम
जब लखनऊ के अधिकारी बाघ को पकड़ नहीं पाए तो उसे पकड़ने के लिए कानपुर जू की टीम बुलाई गई। दावा किया गया कि एक्सपर्ट्स उसे ट्रैंक्यूलाइज कर पकड़ लेंगे। बाघ की चहलकदमी पर निगरानी के लिए थर्मल कैमरों का भी इस्तेमाल किया गया। ये सारे प्रयास नाकाफी साबित हुए और टीम बाघ को पकड़ नहीं पाई। इस बीच बाघ ने दो वनरोज और एक पड़वे को भी अपना निवाला बना डाला। टीम इसके बावजूद बाघ को पकड़ नहीं पाई।
मचान के पास से खींच ले गया शिकार
बाघ को पकड़ने के लिए रहमान खेड़ा स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में मचान तैयार किया गया। उसके पास ही पड़वे को शिकार बना कर बांधा गया। दावा किया गया कि बाघ शिकार के लिए आएगा और टीम उसे पकड़ लेगी। मचान के ऊपर वन विभाग की टीम भी तैनात हुई। शाम को बाघ आया और मचान के नीचे से बाघ को खींच ले गया। पड़वे ने भी तेज से शोर मचाना शुरू किया। इस बीच बाघ भी दहाड़ता रहा। वन विभाग के अधिकारी बाघ को ट्रैंक्यूलाइज करने की जगह दहशत में आ गए। वह गन तक नहीं उठा सके। बाघ उनके सामने ही शिकार कर के लौट गया।
ग्रामीणों में आक्रोश, लापरवाही का आरोप
रहमानखेड़ा और उसके आसपास रहने वाले लोगों ने वन अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अधिकारी बाघ पकड़ने के नाम पर सिर्फ मनमानी कर रहे हैं। खानापूर्ति भर का काम कर रहे हैं इस वजह से बाघ नहीं पकड़ा जा रहा है। अगर अधिकारी जिम्मेदार से जुटें तो आसानी से बाघ को पकड़ लिया जाए। ग्रामीण भी सहयोग कर रहे हैं लेकिन वन अधिकारियों की लापरवाही इस कदर है कि वह बाघ को पकड़ नहीं रहे हैं।