Lucknow Tiger News: भागो भागो बाघ आया, और मच गई भगदड़, दहशत में ग्रामीण, हर तरफ सुन रहे बाघ की आहट

Lucknow Me Tiger: काकोरी के रहमान खेड़ा और सके आसपास के आधा दर्जन से अधिक गांवों के बाशिंदे बाघ के आने की दहशत दिन का चैन और रातों की नींद गंवा चुके हैं। खास बात ये है कि बाघ को पकड़ने के वन विभाग के अबतक किये गए इंतजाम भी फेल हो चुके हैं।

Newstrack :  Network
Update:2024-12-15 13:27 IST

 भागो भागो बाघ आया, और मच गई भगदड़, दहशत में ग्रामीण, हर तरफ सुन रहे बाघ की आहट (social media)

Lucknow Kakori Tiger News: पत्ता भी खड़कता है, तो भागो बाघ आया। कलेजा मुंह को आ जाता है। जाड़े की ठिठुरती रातों में बर्फ सी ठंडी हवाएं वैसे ही सड़क पर निकलने वाले हरेक शख्स की हड्डियों तक को चीरती हुई महसूस हो रही हैं ऊपर से बाघ की दहशत। काकोरी के रहमानखेड़ा और आसपास के गांवों में ठंड पर भारी हो रहा है बाघ का खौफ। जिसके चलते शाम होते होते अघोषित कर्फ्यू सा सन्नाटा यहां के गांवों में छा जाता है। मां बाप ने बच्चों के ऊपर कड़ा पहरा बैठा रखा है। अकेले निकलने से लोगों को मना किया जा रहा है। बच्चों को झुंड में चलने को कहा जा रहा है।

काकोरी के रहमान खेड़ा और सके आसपास के आधा दर्जन से अधिक गांवों के बाशिंदे बाघ के आने की दहशत दिन का चैन और रातों की नींद गंवा चुके हैं। खास बात ये है कि बाघ को पकड़ने के वन विभाग के अबतक किये गए इंतजाम भी फेल हो चुके हैं। रहमानखेड़ा स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान और उसका जंगल जंगली जानवर की मौजूदगी से किसी भूतिया जंगल में तब्दील हो गया है।

हालत यह है कि यहां से गुजरने वाली रेल पटरी पर जहां एक आदमी की ड्यूटी रहती थी वहां दो की ड्यूटी लगा दी गई है। क्रासिंग पर टार्च जलाकर ट्रेनों को सिग्नल देने वाले गेट मैन को रात में कोठरी से बाहर निकलने से मना कर दिया गया है। पटरी की मरम्मत का काम दिन दिन में कराया जा रहा है। सूरज ढलने के बाद कोई भी घर से बाहर नहीं निकल रहा है। पूरे इलाके में दिन ढलते ही वीराना छा जाता है।

अगर किसी को रात में बाहर निकलना पड़ जाता है हर दम धड़का बना रहता है कि न जाने किस कोने से बाघ निकल कर झपट न पड़े। मवेशियों को भी घरों के अंदर रखा जा रहा है। रहमानखेड़ा के बीघों में फैले जंगल में जहां पहले बेधड़क लोग घुस जाते थे अब एक दूसरे की चिरौरी कर साथ लेकर कदम आगे बढ़ा रहे हैं। खास बात यह है कि डीएफओ और एसडीओ खुद बाघ की दहाड़ सुन चुके हैं लेकिन फिर भी बाघ छलावा बना हुआ है। कैमरे भी लग गए पिंजरा भी रखा लेकिन बाघ झांसे में नहीं आ रहा है। और पकड़ से दूरी बनाए हुए है।

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