Lucknow University: यूजी के छात्र पढ़ सकेंगे कर्मकांड विषय, नए सत्र से शुरु करने की तैयारी
Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राएं आगले सत्र से कर्मकांड विषय को मेजर या माइनर विषय के तौर पर चुन सकेंगे। इस विषय के जरिए जो विद्यार्थी भारतीय थल सेना में धर्म गुरु बनने के पात्र हो सकेंगे।
Lucknow University: विश्वविद्यालय के प्राच्य संस्कृत विभाग में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) -2020 के तहत यह कर्मकांड का नया विषय जोड़ा गया है। छात्र-छात्राएं प्राच्य संस्कृत विभाग के स्नातक पाठ्यक्रम शास्त्री में कर्मकांड विषय को अब नए सत्र से चुन सकेंगे। आगामी सत्र 2024-25 से शास्त्री पाठ्यक्रम की पढ़ाई करने वाले अभ्यर्थी कर्मकांड विषय को मेजर या माइनर विषय के रूप में ले सकेंगे। इसके बाद ही वे छात्र-छात्राएं भारतीय थल सेना में धर्म गुरु के पद के लिए योग्य माने जाएंगे। आर्मी में धर्मगुरु सेना में होने वाले सभी धर्म - कर्म के कार्यों को कराता है। उसकी पढ़ाई अब एलयू के प्राच्य संस्कृत विभाग में शुरू होने जा रही है।
पीजी डिप्लोमा इन कर्मकांड
प्राच्य संस्कृत विभाग की समन्वयक डॉ. प्रेरणा माथुर ने बताया कि पहले विभाग में स्नातक स्तर पर शास्त्री और परास्नातक स्तर में आचार्य की डिग्री का कोर्स होता था। मगर सत्र 2022-23 से नया कोर्स पीजी डिप्लोमा इन कर्मकांड शुरू किया गया था। साथ ही उन्होंने बताया कि भारतीय थल सेना में धर्म गुरु बनने के लिए स्नातक पाठ्यक्रम शास्त्री में कर्मकांड विषय या पीजी डिप्लोमा इन कर्मकांड होना आवश्यक है। इसके बिना कोई इस पद के लिए आवेदन नहीं कर सकता है।
समन्वयक डॉ. माथुर के मुताबिक सत्र 2024-25 से सभी छात्र-छात्राओं द्वारा स्नातक स्तर पर शास्त्री की पढ़ाई करने के लिए कर्मकांड को विषय के रूप चुना जा सकेगा। जिससे जो विद्यार्थी आर्मी में धर्म गुरु बनना चाहते हैं वे आसानी से अपना लक्ष्य हासिल कर सकेंगे। इस पाठ्यक्रम को शुरू करने के लिए विश्वविद्यालय की सभी विधायिकाओं से संस्तुति भी ली जा चुकी है।