Lucknow News: KGMU में शिक्षा और अनुसंधान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और चैट जीपीटी पर आयोजित हुई कार्यशाला
Lucknow News: इस दौरान वास्तविक दुनिया के उदाहरण साझा किए गए, जिसमें बताया गया कि कैसे एआई-संचालित नवाचार विश्व स्तर पर चिकित्सा शिक्षा के परिदृश्य को बदल रहे हैं।
Lucknow News: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) ने "शिक्षा और अनुसंधान के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और चैटजीपीटी" पर कार्यशाला की मेजबानी की। प्रसिद्ध चिकित्सक एवं एआई निपुण शोषक, प्रो अविनाश सुपे, पूर्व डीन सेठ जीएस मेडिकल कॉलेज, मुंबई द्वारा आयोजित कार्यशाला का उद्देश्य चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान में एआई के अनुप्रयोगों में अंतर्दृष्टि के साथ संकाय सदस्यों को सशक्त बनाना है। इस दौरान चैटजीपीटी सहित एआई टूल की क्षमता का आंकलन, शिक्षण एवं प्रशिक्षण हेतु विभिन्न विभागों के संकाय सदस्यों को एक साथ जानकारी दी गई। प्रतिष्ठित चिकित्सक प्रोफेसर सुपे ने आकर्षक सत्र में एआई के मूल सिद्धांतों, स्वास्थ्य सेवा पर इसके प्रभाव को बताते हुए चैटजीपीटी जैसे एआई-संचालित साधन को इंटरैक्टिव सामग्री बनाने एवं साहित्य समीक्षा आयोजित करने में इसकी व्यवहारिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इससे अनुसंधान प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित किया जा सकेगा।
AI का उपयोग शिक्षा में करने पर दिया जोर
कार्यशाला में प्रतिभागियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण में शामिल होने का अवसर मिला। उन्होंने पता लगाया कि सक्रिय शिक्षण और व्यक्तिगत शिक्षा की सुविधा के लिए एआई को कक्षा शिक्षण में कैसे उपयोगी बनाया जा सकता है। इस दौरान वास्तविक दुनिया के उदाहरण साझा किए गए, जिसमें बताया गया कि कैसे एआई-संचालित नवाचार विश्व स्तर पर चिकित्सा शिक्षा के परिदृश्य को बदल रहे हैं। प्रोफेसर सुपे ने शिक्षा और अनुसंधान में एआई के उपयोग के नैतिक विचारों पर जोर दिया। प्रतिभागियों को सावधानी के साथ प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। कार्यशाला एक इंटरैक्टिव चर्चा के साथ संपन्न हुई जहां उपस्थित लोगों ने अपने संबंधित क्षेत्रों में एआई को शामिल करने के लिए अपने अनुभव और भविष्य की योजनाएं साझा कीं। केजीएमयू की कुलपति प्रो सोनिया नित्यानंद ने अपने समापन भाषण में प्रोफेसर सुपे के योगदान की सराहना की और संकाय को तकनीकी प्रगति के साथ अद्यतन रखने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपने शिक्षकों के बीच नवाचार और आजीवन सीखने की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। कार्यशाला की सफलता केजीएमयू के शैक्षिक ढांचे में एआई को एकीकृत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी बने रहने के लिए नितांत आवश्यक है।