VIDEO: कबाड़ से बनाई ट्रेन, बिना फ्यूल वाला जेनरेटर करेंगे PM को गिफ्ट

Update: 2016-03-20 11:08 GMT

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शाहजहांपुरः मंजिले उन्हीं को मिलती हैं जिनके सपनो में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। किसी शायर की ये लाइने यूपी के शाहजहांपुर के एक युवक पर बिल्कुल सटीक बैठती है जिसने कूडे करकट के सामान से ट्रेन और सैंकड़ों ऐसे इलेक्ट्रिकल मॉडल तैयार कर डाले जिन्हे देखकर शायद आप भी हैरान रह जायेंगें। इस गुमनाम प्रतिभा के अविष्कारों को देखकर वैज्ञानिक भी हैरान है। ये कारीगर एक जेनेरेटर तैयार करके प्रधानमंत्री मोदी को सौंपना चाहता है जो बिना तेल पानी के सिर्फ मैग्नेट पर चल सकेगा।

बनाई ऐसी ट्रेन जो दुर्घटनाओं को रोकेगी

चारे की मशीन वाला ये मॉडल किसी वैज्ञानिक के दिमाग की उपज नहीं और न ही किसी विज्ञान के छात्र की प्रतिभा है, बल्कि इसे बनाने वाला शाहजहांपुर के महमंद गढ़ी के मध्यम वर्गीय परिवार का एक बेरोजगार युवक है। कमर वसी ने अब तक तीन सौ से ज्यादा आश्चर्य चकित करने देने वाले मॉडल तैयार किये हैं। इन मॉडल्स की खास बात ये है कि ये एक साधारण सी मैग्नेट के माध्यम से चलते हैं और इन्हें बेकार पड़ी चीजों से तैयार किया गया है।

उसने एक रेलगाड़ी भी तैयार की है जो मानवरहित क्रासिंग पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोक सकेगी। कमर का दावा है कि अगर उसे मदद मिले तो वह एक ऐसा जेनेरेटर तैयार कर सकता है जो बिना तेल पानी के चल सकेगा। मैग्नेट पर आधारित इस खास जनरेटर को प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी को सौंपना चाहता है।

बच्चों के लिए बनाई गुड़िया

कमर वसी ने सिर्फ पांचवी तक पढ़ाई की है, गरीबी के चलते वह आगे नहीं पढ़ सके। कमर का कहना है कि लोग कचरा और कबाङ बेकार समझ कर फेंक देते हैं, लेकिन बेकार कुछ भी नहीं होता है। कमर ने कचरे से तीन सौ से ज्यादा बच्चों के खेलने वाली गुङिया बनाई है। इसी कबाङ से वह ट्रेन, जेसीबी मशीन, कालीन बनाने का अड्डा बना चुके हैं। उसने कबाङ से एक जनरेटर बनाया है, जो लाईट और तेल से नहीं चलता है वह जनरेटर सिर्फ मैग्नेट से चलता है। कमर की ख्वाहिश है कि मैग्नेट से चलने वाला जनरेटर वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट करे।

क्या कहना है वैज्ञानिक इरफान ह्यूमन का

कूड़े करकट और बेकार पड़ी चीजों को इस्तेमाल लायक बनाने का कमर वसी को जुनून है। इसी जुनून में वह दिन रात केवल नई नई खोजे करने में लगा रहता है। इसकी ये खोज अभी तक इसके घर के चाहरदीवारियों तक ही सीमित है। विज्ञान से जुड़े लोग भी कमर की प्रतिभा को देखकर आश्चर्य चकित है। उनका मानना है कि अगर इस युवक को सरकारी मदद मिले तो ये देश का नाम जरूर रोशन करेगा। देश में कई सरकारी और गैर सरकारी संस्थाए है उन्हें सामने आना चाहिए और उसे प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने कमर वसी के लिये काउंसिल ऑफ साइंस टैक्नोलॉजी के पैटन सेल में आवेदन किया है। उन्हें उम्मीद है कि कमर को वहां से सहायता जरूर मिलेगी।

कुछ कर गुजरने का जुनून इन्सान को किसी भी हद तक ले जा सकता है और बेकाम को काम का बनाने का कमर का ये जुनून दिन पे दिन बढ़ता ही जा रहा है। इसे जरूरत है तो सिर्फ स्वीकारने और प्रोत्साहन देने की ताकि शाहजहांपुर की छिपी हुई ये प्रतिभा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी चमक बिखेर सके। उसे भरोसा है कि एक दिन वो बिना तेल और पानी से चलने वाला जनरेटर प्रधानमन्त्री को जरूर सौंपेगा।

 

 

 

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