बाबा की नगरी में शिवरात्रि की धूम, सुबह से ही लगा भक्तों का तांता
देवधिदेव बाब विश्वनाथ की नगरी काशी में महाशिवरात्रि की धूम है। बाब विश्वनाथ की मंगला आरती के बाद से ही लाईन में लगे शिव भक्त बाबा का दर्शन कर रहे हैं। महाशिवरात्रि पर शिव मंदिर ही नहीं बल्कि काशी कोने-कोने में हर-हर महादेव की नारे गूंजायमान है।
वाराणसी: देवधिदेव बाब विश्वनाथ की नगरी काशी में महाशिवरात्रि की धूम है। बाब विश्वनाथ की मंगला आरती के बाद से ही लाईन में लगे शिव भक्त बाबा का दर्शन कर रहे हैं। महाशिवरात्रि पर शिव मंदिर ही नहीं बल्कि काशी कोने-कोने में हर-हर महादेव की नारे गूंजायमान है।
शहर के हर छोटे बड़े शिवालयों में शिव भक्तो का रेला है तो द्वादश ज्योर्तिलिंग में महत्वपूर्व श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के छोर से सड़क के हर ओर तक भक्त ही भक्त का रेला है।
मंगला आरती के बाद खुला बाबा का दरबार
महाशिवरात्रि पर शिवभक्त बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए लाईन मे लगे है और अपनी बारी का इंतजार का रहे है। भोर में मंगला आरती के बाद बाबा का दरबार भक्तों के लिए खुल गया जिसके बाद शिवभक्तों ने बाबा को दूध और जल अर्पित करना शुरू किया। भोर से शुरू हुआ ये क्रम देर रात तक यूं ही चलता रहेगा। इस बार के संयोग के अनुसार बुधवार को भी महाशिवरात्रि पर्व की तरह ही भक्तों को बाबा के दर्शन पर पुन्य की प्राप्ति होगी। काशी में दर्शन से पूर्व शिवभक्तों ने गंगा में डुबकी लगाईं।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
बाबा विश्वनाथ मंदिर सहित काशी के अन्य शिवालयों में भी जलाभिषेक के लिए भक्तों की भीड़ लगी हैं। बड़ी संख्या में भक्त भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए शिवालय पहुंच रहे है। भक्तों की सुविधा के लिए वाराणसी जिला प्रशासन ने पुख्ता इंतज़ाम किए हैं। वहीं सुरक्षा के लिए सभी चेक पॉइंट्स के अलावा पूरे क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम है। महाशिवरात्रि पर्व पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के आस पास ड्रोन कैमरों से निगेहबानी की जा रही है।
भक्तों को कल भी मिलेगा दर्शन का लाभ
इस बार बाब भोलेनाथ के भक्तों को लम्बी अवधि तक चतुर्दशी तिथि रहने के कारण इस बार महाशिवरात्रि का फल बुधवार को भी मिलेगा। हालांकि, ज्यादातर श्रद्धालु मंगलवार महाशिवरात्रि का व्रत-पूजन कर रहे है, जबकि कुछ बुधवार को व्रत रहेंगे। विद्वानों के अनुसार मंगलवार रात लगभग 10 बजे के बाद से चतुर्दशी तिथि शुरू हो रही है, जो बुधवार रात 12:37 तक रहेगा। यही वजह है कि चतुर्दशी की पूरी रात मंगलवार को मिलने के कारण आज महा शिवरात्रि मनाई जा रहा है।
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