Mahoba News: सीएमएस का तुगलकी फरमान, जिला अस्पताल में पोस्टर लगाकर वीडियो व फोटोग्राफी पर लगाई रोक
Mahoba News: महोबा के जिला अस्पताल में तुगलकी फरमान जारी हुआ है। जिला अस्पताल की दीवारों पर पोस्टर चस्पा कर वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी न करने की चेतावनी तक दे डाली गई।
Mahoba: उत्तर प्रदेश के सीतापुर की तरह महोबा के जिला अस्पताल में तुगलकी फरमान जारी हुआ है। जिला अस्पताल की दीवारों पर पोस्टर चस्पा कर वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी न करने की चेतावनी तक दे डाली गई। ऐसा करने पर मुकदमा लिखने तक की पोस्टर में धमकी दी गई है। जिससे महोबा के पत्रकारों में खासा आक्रोश है। अस्पताल की दीवारों पर पोस्टर चस्पा कर दिए गए। इस मामले के बाद से महोबा में चर्चाओं का बाजार गर्म है।
ये है मामला
दरअसल आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के जिला अस्पताल में पत्रकारों के प्रवेश पर रोक लगाकर पोस्टर चस्पा किए गए थे ऐसा ही एक मामला अब बुंदेलखंड के महोबा में भी सामने आया है। जहां लगातार जिला अस्पताल की अनियमितताओं और लापरवाहियों की खबरें चलने के बाद महोबा जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ.पी के अग्रवाल ने भी सीतापुर की तरह महोबा में तुगलकी फरमान जारी कर दिया। अस्पताल के सीएमएस डॉ पी के अग्रवाल ने जिला अस्पताल की दीवारों में पोस्टर चस्पा करवा कर अस्पताल के अंदर ही नहीं बल्कि परिसर में वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करने पर रोक लगा दी है।
जिला अस्पताल की दीवारों में चस्पा पोस्टर में लिखे 4 बिंदु
जिला अस्पताल की दीवारों में चस्पा पोस्टर में 4 बिंदु लिखकर धमकी के लहजे में पत्रकारों पर नकेल कसने की कोशिश सीएमएस ने की है। मामला चर्चा में आने के बाद से महोबा के पत्रकारों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। लगे पोस्टर में साफतौर पर कहा गया है कि बिना अनुमति के वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करने पर कानूनी अपराध माना जाएगा और कार्रवाई होगी तो वही महिला अधिकारियों या कर्मचारियों की वीडियोग्राफी करने पर गंभीर धाराओं में मुकदमा लिखने तक की चेतावनी पोस्टर में हैं। इसके अलावा अन्य बिंदुओं पर भी धमकाने का लहजा पोस्टर में साफ दिखाई दे रहा है। इस पोस्टर के चस्पा होने के बाद से महोबा के पत्रकारों में तरह-तरह की चर्चा हो रही है। सीएमएस के इस तुगलगी फरमान के बाद से पत्रकार संगठनों में भी आक्रोश बढ़ गया है।
अनियमितता और लापरवाही को छुपाने के लिए लगाए पोस्टर
पत्रकारों का कहना है कि जिला अस्पताल में बरती जा रही अनियमितता और लापरवाही को छुपाने के लिए पत्रकारों पर ही नकेल कसने की नीयत से ये पोस्टर चस्पा किये गए है। पत्रकार निष्पक्ष होकर अपनी पत्रकारिता करते हैं अस्पताल में होने वाली अनियमितताएं साथ ही बाहर की दवा लिखने के मामले में प्रमुखता से खबर दिखा रहे हैं। अपनी जान जोखिम में डालकर काम करने पर सीएमएस का ये बर्ताव पत्रकारों को भी रास नही आया है।
सीएमएस के इस तुगलगी फरमान से पत्रकारों में आक्रोश: मीडिया क्लब
इसको लेकर संयुक्त मीडिया क्लब के जिलाध्यक्ष भगवानदीन यादव ने कहा कि सीएमएस के इस तुगलगी फरमान से पत्रकारों में आक्रोश है। जिलाध्यक्ष ने इसको लेकर एतराज जताते हुए कहा कि पत्रकारों रोक लगाना हम पत्रकार बर्दास्त नही करेंगे और जरूरत पड़ी तो इसके खिलाफ सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया जायेगा।
उनकी मंशा पत्रकारों पर रोक लगाना नहीं है: सीएमएस
वहीं इस मामले को लेकर सीएमएस डॉ. पीके अग्रवाल ने तर्क दिया है कि उनकी मंशा पत्रकारों पर रोक लगाना नहीं है बल्कि जो तीमारदार मरीज लेकर आते हैं उनके द्वारा वीडियोग्राफी की जा रही है उसे रोकना है लेकिन उनके तर्क से पत्रकार सहमत नहीं है। पत्रकारों का कहना है कि उनकी अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक लगाई जा रही है।