Mahoba News: PM को खून से खत लिखकर की अलग बुन्देलखण्ड राज्य की मांग, काला दिवस मनाया

Mahoba News: बुन्देलों के खून से लिखे खत में बुन्देलखण्ड को दोबारा पृथक राज्य बनाए जाने की मांग दोहराई गई है।

Report :  Imran Khan
Update:2022-11-01 15:00 IST

Mahoba News (photo: social media )

Mahoba News: मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस एवं विभाजन में बुन्देलखण्ड राज्य को भारत के नक्शे से मिटाने की बरसी पर आज महोबा जिले के बुन्देलों ने काला दिवस मनाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को रिकॉर्ड 29 वीं बार खून से खत लिखा। उन्होंने नेहरू सरकार की गलती को सुधारकर पृथक बुन्देलखण्ड राज्य बनाए जाने मांग की है।

गौरतलब है कि 1956 में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल लाल नेहरू की सरकार द्वारा मध्यप्रदेश राज्य के गठन के साथ बुन्देलखण्ड राज्य को मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में समाहित कर खत्म कर दिया गया था। महोबा में बुंदेली समाज ने खून से खत लिखकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बुंदेलखंड को पुनः पृथक राज्य घोषित किए जाने की मांग की है।

शहर के हृदयस्थल आल्हा चौक इलाके में अंबेडकर पार्क में बुन्देली समाज के संयोजक तारा पाटकर के नेतृत्व में दो दर्जन से ज्यादा सदस्यों ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को रिकार्ड 29वीं बार खून से खत लिखकर पृथक बुन्देलखण्ड राज्य बनाने की मांग की है।

खून से खत लिखकर की अलग बुन्देलखण्ड राज्य की मांग (photo: social media )

बुन्देलों के खून से लिखे खत में बुन्देलखण्ड को दोबारा पृथक राज्य बनाए जाने की मांग दोहराई गई है। बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर की मानें तो 1 नबम्बर 1956 को मध्यप्रदेश राज्य के गठन के दौरान बुन्देलखण्ड राज्य को उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में समाहित कर बुन्देलखण्ड राज्य का अस्तित्व मिटा दिया गया था। तब से बुन्देलखण्ड अपनी बदहाली के आंसू बहा रहा है।

सरकारों द्वारा विकास के दावे तो किये जाते हैं लेकिन धरातल में तस्वीर कुछ और नजर आती है। सरकारों द्वारा किए जा रहे विकास कार्य नाकाफी साबित हो रहे हैं जिसके चलते देश की आजादी के 75 साल बाद भी बुन्देलखण्ड देश के सबसे पिछड़े इलाको में गिना जाता है।

खून से खत लिखकर की अलग बुन्देलखण्ड राज्य की मांग (photo: social media )

जनपदों को उत्तर प्रदेश तो कुछ को मध्यप्रदेश से जोड़ा गया 

1956 में तत्कालीन नेहरू सरकार द्वारा बुन्देलखण्ड से जुड़े कुछ जनपदों को उत्तर प्रदेश तो कुछ को मध्यप्रदेश से जोड़ दिया गया था। जिसके चलते बुंदेलखंड का विकास आज तक नही हो सका है। बुंदेलखंड राज्य को लेकर की जाने वाली मांग को लेकर न तो देश के प्रधानमंत्री ने आजतक कुछ किया है और न ही भारत सरकार अभी तक इस मुद्दे पर विचार करती नजर आ रही है, अगर जल्द उनकी मांग न मानी गई तो इसको लेकर आंदोलन भी किया जाएगा।

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