Meerut News: पति की मौत के बाद परिवार चलाने के लिए प्रियंका ने भीख नहीं थामी बस की स्टेरिंग, बनीं यूपी की पहली सरकारी महिला ड्राइवर
Meerut News: पति की मौत के बाद कठिन समय देखने वाली कम पढ़ी-लिखी प्रियंका ने अपने दो बच्चों की परवरिश और उनके बेहतर भविष्य के लिए बस चालक का काम चुना ।
Meerut News: कहते हैं मुश्किल परिस्थितियों में या तो इंसान बिखर जाता है या निखर जाता है। जो निखर जाते हैं, वही ज़िंदगी में कामयाबी का सही अर्थ भी जान पाते हैं। ऐसी ही कहानी है एक सामान्य गृहिणी प्रियंका की। जो आज वह भूमिका निभा रही हैं, जिसकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। पति की मौत के बाद कठिन समय देखने वाली कम पढ़ी-लिखी प्रियंका ने अपने दो बच्चों की परवरिश और उनके बेहतर भविष्य के लिए बस चालक का काम चुना। इसे करने से आम तौर पर महिलाएं संकोच करती हैं।
कौशांबी की पहली महिला बस ड्राइवर बनने वाली प्रियंका कहती है, पति 2015 से ही बीमार थे। पति का इलाज कराने में सारी जमा पूंजी खर्च हो गई। यहां तक कि घर भी बेचना पड़ गया। इसके बावजूद 2020 में उनके प्रति की मृत्यु हो गई। तब दो छोटे बेटों की जिम्मेदारी उसके कंधों पर आ पड़ी। ऐसे में उसके सामने तीन ही विकल्प थे। मसलन या तो रिश्तेदारों के सामने गिड़गिड़ाते हुए मदद की गुहार लगाए या फिर भीख मांग कर बच्चों को पाले। इसके अलावा मेहनत मजदूरी करके बच्चों की परवरिश करो। ऐसे में मुझे तीसरा विकल्प ही सही लगा। इसलिए शुरुआत में बच्चों का पेट पालने के लिए प्रियंका ने पहले फैक्ट्री में काम करना शुरू किया।
प्रियंका-कम पढ़ी-लिखी होने के कारण फैक्ट्री में ज्यादा वेतन नहीं मिलता था। इसलिए फैक्ट्री का काम छोड़ कर चाय बेचकर गुज़र-बसर की कोशिश की। इससे भी बात नहीं बनी। इसी दौरान कुछ साथ के लोंगो से पता चला कि ड्राइविंग के काम में अच्छे पैसे मिल जाते थे। इसके बाद मैने ड्राइविंग सीखने का निर्णय लिया। हालांकि शुरुआत में कुछ रिश्तेदारों ने इस काम के लिए मुझे टोका भी। उनका कहना था कि यह काम महिलाओं को शोभा नहीं देता। लेकिन मैने किसी किसी की परवाह नहीं करते हुए पहले ट्रक चलाना शुरू करते हुए राजस्थान, दिल्ली, हिमाचल समेत कई राज्यों तक वह ट्रक ड्राइविंग की। इसी बीच उप्र रोडवेज में महिला चालकों की भर्ती निकली तो मैने आवेदन कर दिया। जिसमें मेरा चयन गाजियाबाद के कौशांबी डिपो के लिए हो गया।
मेरठ और कौशांबी के बीच बस चलाने की जिम्मेदारी
कौंशाबी रोडवेज अधिकारियों के अनुसार प्रियंका को मेरठ और कौशांबी के बीच बस चलाने की जिम्मेदारी दी गई है। बता दें कि प्रियंका मूलरूप से बिहार के बांका जिले में थाना अमरपुर क्षेत्र के खरदौरी गांव की निवासी हैं। फिलहाल वह दिल्ली के शालीमार बाग के ब्लाक सी-ए में पिता और चाचा के साथ रहती हैं। प्रियंका के दोनों बेटे भागलपुर में एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ते हैं और हास्टल में रहते हैं। एक बेटा चौथी व दूसरा पांचवीं कक्षा में है।