Meerut News: खबरदार! अब मेरठ के गन्ना-पेराई करने वालों पर होगा एक्शन, जो भी ऐसे कोल्हू चलता मिला तो होगी FIR

Meerut News: कुछ किसान डीजल इंजन तो कुछ बिजली मोटर से क्रेशर में गन्ना पेराई करते हैं। कुछ किसान बिजली चोरी भी करते हैं।

Report :  Sushil Kumar
Update:2023-10-25 21:46 IST

Meerut Ganna Kisan News 

Meerut News: मेरठ समेत पश्चिमी यूपी में प्रदूषण फैलाने वाले 'कोल्हुओं' पर कार्रवाई करते हुए पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने 14 जिलों में सभी गन्ना-पेराई इकाइयों को अस्थायी बिजली कनेक्शन लेने या कार्रवाई का सामना करने के निर्देश जारी किए है। दरअसल, जिले और आसपास के क्षेत्र में उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बिना अनुमति लिए ही दर्जनों कोल्हू का संचालन शुरू हो गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की गाइड लाइन के बाद भी इन कोल्हू में मानकों का उल्लंघन किया जा रहा है। यहां गुड़ बनाने के लिए खोई की जगह धड़ल्ले से पॉलिथीन और रबड़ जलाई जा रही है। इसके चलते ग्रामीणों की सेहत को नुकसान के साथ वातावरण भी प्रदूषित हो रहा है।

पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की प्रबंध निदेशक चैत्रा वी का कहना है कि अब गन्ना पेराई एवं केन क्रेशर सत्र शुरू हो गया। कुछ किसान डीजल इंजन तो कुछ बिजली मोटर से क्रेशर में गन्ना पेराई करते हैं। कुछ किसान बिजली चोरी भी करते हैं। अब पावर कारपोरेशन ने अस्थाई कनेक्शन लेने की अपील की है। बिना कनेक्शन बिजली से क्रेशर चलाने वालों पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की प्रबंध निदेशक चैत्रा वी ने सभी एक्सईएन (वितरण) को निर्देश दिया है कि कोल्हू एवं केन क्रेशर संचालकों को अस्थायी बिजली कनेक्शन बिना किसी परेशानी के मीटर स्थापित कर दिए जाएंगे। एमडी ने मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, हापुड़, गौतमबुद्धनगर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा, बुलंदशहर, रामपुर, बिजनौर जिले में कोल्हू एवं केन क्रेशर के अस्थायी बिजली कनेक्शन की सुविधा दी है। उपभोक्ता संबंधित उपखंड कार्यालय में प्रार्थना पत्र देकर अस्थाई कनेक्शन ले सकते हैं। यदि आकस्मिक चेकिंग में बिना बिजली कनेक्शन के कोल्हू पर बिजली प्रयोग होती मिली तो मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। साथ ही जुर्माना भी वसूला जाएगा। कोल्हू एवं केन क्रेशर के उपभोक्ताओं की रीडिंग प्रत्येक माह एमआरआइ से की जाएगी।

प्रबंध निदेशक चैत्रा वी के अनुसार पराली जलाने के अलावा, 'कोल्हू' क्षेत्र में प्रदूषण का उत्सर्जक है और ये इकाइयां भट्टियां चलाने के लिए प्लास्टिक और अन्य सामग्रियों का उपयोग करती हैं । उन्होंने कहा कि गुड़ के उत्पादन के लिए मेरे द्वारा विभिन्न जिलों में पीवीवीएनएल अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि सभी कोल्हू संचालकों को अस्थायी बिजली कनेक्शन मिले और वे अपनी भट्टियों को बिजली देने के लिए स्क्रैप या गन्ने का उपयोग न करें, जिससे बड़ी मात्रा में प्रदूषण होता है। यदि कोई मानदंडों का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है, तो उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा”,

पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) के प्रबंध निदेशक चैत्रा वी के अनुसार अब तक 14 जिलों में 299 कनेक्शन जारी किए गए हैं।

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