Meerut News: एसडीएम कार्यालय के बाहर आत्मदाह करने वाले किसान की हालत अभी भी नाजुक, जानें क्या है पूरा मामला?
Meerut News: एसडीएम ने किसानों को जिला प्रशासन द्वारा की जा रही अब तक की कार्यवाही की बावत जानकारी देते हुए बताया कि जिला प्रशासन ने एडीएम प्रशासन अमित कुमार और एसपी देहात कमलेश बहादुर को घटना की जांच सौंप दी है।
Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ में वन विभाग द्वारा भूमि खाली करने से नाराज होकर आत्मदाह का प्रयास करने वाले किसान जगबीर की हालत अभी भी नाजुक बताई जा रही है। उधर,किसान के गांव के लोगों में गहरा आक्रोश देखा जा रहा है। घटना की गंभीरता को समझते हुए आज शनिवार को घटनास्थल इलाके के एसडीएम अखिलेश यादव थाना प्रभारी विजय बहादुर के साथ गांव में पहुंचे, जहां उन्होंने ग्रामीणों से वार्ता कर उन्हें इस मामले की निष्पक्षता से जांच कराने और पीड़ित किसान परिवार को हर संभव आर्थिक मदद दिलाए जाने का आश्वासन दिया है।
एसडीएम ने किसानों को जिला प्रशासन द्वारा की जा रही अब तक की कार्यवाही की बावत जानकारी देते हुए बताया कि जिला प्रशासन ने एडीएम प्रशासन अमित कुमार और एसपी देहात कमलेश बहादुर को घटना की जांच सौंप दी है। जांच में दोषी पाए जाने वाले के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
ये है पूरा मामला?
बता दें कि मेरठ जनपद के हस्तिनापुर क्षेत्र के अलीपुर मोरना गांव में जगबीर नाम के 53 वर्षीय किसान ने शुक्रवार को तहसील प्रांगण में अपने ऊपर पेट्रोल छिड़क कर आग लगाकर आत्मदाह का प्रयास किया था। जिसके बाद किसान को मेरठ के प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। वैसे, जिला प्रशासन इस प्रशासन इस मामले में सरकारी पक्ष की गलती मानने से इंकार कर रही है। जिला प्रशासन का कहना है कि वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण की शिकायत थी, जिससे अतिक्रमण हटाया गया था। किसान जगबीर जमीन की दोबारा से पैमाइश की एप्लीकेशन लेकर पहुंचे थे, लेकिन जांच और कार्रवाई से पहले ही आत्मदाह कर लिया।
उधर,राज्यमंत्री दिनेश खटीक जो कि क्षेत्र के विधायक भी हैं ने अस्पताल पहुंच कर घायल किसान के स्वास्थ्य के बारे में अस्पताल के चिकित्सकों से जानकारी ली। घटना के बारे में उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि पहली प्राथमिकता पीड़ित के बेहतर इलाज की है। रहा सवाल घटना का तो घटना की जांच में दोषी पाए जाने वाले किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।