Meerut News: अदालत के आदेश पर जाने-माने सर्राफ के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज
Meerut News: शहर के जाने-माने सर्राफ स्व.रघुनन्दन प्रसाद के बेटे राकेश अग्रवाल और उनके परिवार के ही दो अन्य सदस्यों व यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया के शाखा प्रबन्धक समेत कुल पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ है।
Meerut News: शहर के जाने-माने सर्राफ स्व.रघुनन्दन प्रसाद के बेटे राकेश अग्रवाल और उनके परिवार के ही दो अन्य सदस्यों व यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया के शाखा प्रबन्धक समेत कुल पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ है। आरोपितों के खिलाफ थाना सिविल लाइन पुलिस ने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने के प्रावधान सहित आईपीसी की धारा 420 के तहत कार्रवाई की है। थाना सिविल लाइन क्षेत्र निवासी अधिवक्ता मनोज कुमार सैन ने प्रतिवादी राकेश प्रकाश अग्रवाल,सत्यप्रकाश अग्रवाल सर्राफ पुत्र स्व.रघुनन्दन प्रसाद अग्रवाल, विनीता पत्नी सत्यप्रकाश अग्रवाल, दिनेश गुप्ता पुत्र स्व.देवेन्द्रनाथ के अलावा यूनियन बैंक आफ इंडिया की बेगम ब्रिज शाखा के प्रबन्धक अर्जुन कुमार जैन के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी थी। कार्रवाई न होने पर मनोज कुमार सैन ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिस पर कोर्ट में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच के आदेश दिए थे।
बिजनेस पार्टनरशिप में धोखा देने का आरोप
थाना सिविल लाइन क्षेत्र निवासी मनोज कुमार सैन ने कोर्ट से की गई शिकायत में बताया कि उनकी पत्नी प्रेमा सैन व पुत्र अंकित सैन द्वारा 21 फरवरी 2013 को विपक्षी के साथ मिलकर एक पार्टशिप डीड रियल स्टेट का व्यापार करने के लिए तैयार की, जिसका नाम मैसर्स साधना एंटरप्राइजेज रखा गया। इसमें प्रेमा सैन व अंकित सैन के अलावा दो अन्य लोग भी साझेदार थे। मैसर्स साधना एंटरप्राइजेज में साझेदारों के द्वारा जितना रुपया लगाया गया था, उसी के अनुसार उक्त फर्म में साझेदारों का उतना ही शेयर था। इस फर्म में पत्नी प्रेमा सैन व पुत्र अंकित सैन द्वारा करीब एक करोड़ की रकम लगाई गई थी। इस हिसाब से दोनों 10 फीसदी के पार्टनर थे।
कराया गया था अपार्टमेंट का निर्माण
मैसर्स साधना एंटरप्राइजेज द्वारा साकेत में एलआईसी दफ्तर के पास रिचमण्ड होम अपार्टमेंट का निर्माण कराया गया। आरोप है कि निर्माण कार्य पूरा होने के बाद विपक्षी के मन में बेइमानी आ गयी और पार्टनर पत्नी व पुत्र की जानकारी में लाए बिना अनुचित व अवैध तरीके से फ्लैटों को बेचना शुरु कर दिया। पत्नी व पुत्र के हिस्से में आए रुपये तक उन्हें नहीं दिए गये। हद तब हो गई जब पिछले साल 22 सितम्बर को वो अपनी पत्नी के साथ देश से बाहर कनाडा अपने पुत्र अक्षय के पास गये। करीब एक माह बाद वापस लौटे तो पता चला कि विपक्षी द्वारा फर्म के पूर्वी कचहरी मार्ग स्थित पीएनबी बैंक की शाखा से पत्नी के फर्जी हस्ताक्षर करके करीब एक करोड़ दो लाख रुपये निकाल लिये। यही नहीं प्रार्थी की पत्नी व पुत्र की सहमति लिए बिना बैंक आफ महाराष्ट्र में खाता खुलवा लिया।
आरोप है कि प्रार्थी द्वारा इस संबंध में विपक्षी के साथ मिलकर अपना विरोध जताया तो विपक्षी द्वारा प्रार्थी के साथ अभद्र व्यवहार किया गया। जिसके बाद विपक्षी प्रार्थी के साथ रंजिश रखने लगे, आरोप है कि चार जनवरी को जब प्रार्थी कचहरी से घर लौट रहा था तब रिचमण्ड होम अपार्टहोम के पास खड़े विपक्षी ने उसको जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए भद्दी गालियां दीं और अभद्रता की। इस मामले में एससी-एसटी एक्ट 406/467/468/471/323/504/506 की धाराओं में भी मुकदमा दर्ज किया गया है।