Meerut News: प्रवासी पक्षियों से गुलजार हुआ हस्तिनापुर वन्यजीव अभयारण्य, साइबेरियन स्टोन चैट-किंगफिशर आए नजर

Hastinapur Sanctuary: सर्दी अभी ठीक से शुरू भी नहीं हुई है, लेकिन प्रवासी पक्षियों का आगमन जारी है। इसे अच्छे संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। प्रभागीय निदेशक (डीएफओ) राजेश कुमार ने बताया कि, 'यह वास्तव में एक सकारात्मक विकास है।

Report :  Sushil Kumar
Update:2023-10-31 18:03 IST

Hastinapur Sanctuary: सर्दी अभी ठीक से शुरू भी नहीं हुई है, लेकिन प्रवासी पक्षियों का आगमन जारी है। इसे अच्छे संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। प्रभागीय निदेशक (डीएफओ) राजेश कुमार ने बताया कि, 'यह वास्तव में एक सकारात्मक विकास है। अभयारण्य के पारिस्थितिक तंत्र के स्वास्थ्य के बारे में बहुत कुछ दर्शाता है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि, इस वर्ष हम पश्चिमी यूपी और हस्तिनापुर वन्यजीव अभयारण्य के आर्द्रभूमि में बड़ी संख्या में मेहमान पक्षियों को देख पाएंगे।' 

प्रवासी पक्षियों के आगमन पर प्रभागीय निदेशक और सामाजिक वानिकी प्रभाग के राजेश कुमार ने अन्य वन अधिकारियों तथा पक्षी विज्ञानी डॉ. रजत भार्गव के साथ हस्तिनापुर वन्यजीव अभयारण्य के आसपास सर्वेक्षण किया। टीम ने दो घंटे की अवधि में कुल 26 पक्षियों की प्रजातियों को देखा। इसमें कुल 31 वूल्ली नेक्ड स्टोर्क, 17 एशियाई ओपनबिल तथा टीम ने पहली बार एक अपरिपक्व ब्लैक स्टॉर्क की तस्वीर खींची।

अच्छी संख्या में नजर आ रही पक्षियों की नस्ल 

डॉ. रजत भार्गव (Dr. Rajat Bhargava) ने बताया कि, 'हमारी टीम के सदस्य डॉ. जमाल जैदी ने पिछली सर्दियों में सोफीपुर गांव में ब्लैक स्टॉर्क देखा था, जिन्होंने नवंबर 2022 में इस प्रजाति की तस्वीर भी ली थी। टीम द्वारा इग्रेट की चार प्रजातियां और हेरोंस की तीन प्रजातियां देखी। इसी तरह, ग्रे हेरॉन को भी अच्छी संख्या में देखा गया। उतनी ही संख्या ग्रेट एग्रेट तथा प्रवासी जल पक्षियों की लगभग 3000 बत्तखें जो मुख्य रूप से उत्तरी पिंटेल, कुछ उत्तरी शॉवेलर, रंग-बिरंगे रूडी शेल्डक, जिन्हें स्थानीय भाषा में सुरकाभ कहा जाता है कई बार जोड़े में देखे गए।'


साइबेरियन स्टोन चैट-किंगफिशर भी आया नजर

भारतीय स्पॉट-बिल्ड बत्तख भी टीम की उपस्थिति से बेखबर थी। जिसे टीम द्वारा अच्छी संख्या में देखी गयी। अन्य मुख्य आकर्षण आमतौर पर देखे जाने वाले जलकाग, लैपविंग और कुछ वेडर भी दिखाई दिए।साइबेरियन स्टोन चैट को भी टीम द्वारा स्पॉट किया गया। टीम द्वारा पाइड किंगफिशर को भी एक बार देखा गया।

विलुप्त प्रजातियों के संरक्षण पर भी बात 

प्रभागीय निदेशक ने टीम के साथ विलुप्त हुई प्रजातियों के संरक्षण के लिए डॉ रजत भार्गव से बातचीत की। प्रभागीय निदेशक ने पक्षियों के संरक्षण के लिए वेटलैंड के जीणोद्धार को अत्यन्त आवश्यक बताया। उन्होंने बताया कि, जल्द ही वेटलैंड के जीणोद्धार के लिए भी कार्ययोजना तैयार कर काम कराया जाएगा। इसके अलावा, प्रभागीय निदेशक द्वारा गढ़ रोड स्थित सिसोली तथा उसके आस पास के ग्रामो में स्थित आर्द्र भूमि का निरीक्षण किया। यहां पर प्रवासी तथा विलुप्तता के कगार पर पहुंच चुके कुछ पक्षियों को देखा गया। पक्षियों के प्रवास (आर्द्र भूमि) के जीणोद्धार के लिए प्रभागीय निदेशक महोदय द्वारा जनपद मेरठ के जिला ग्राम्य विकास अभिकरण को निर्देशित किया गया।

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