Meerut: नगर निगम सदन में मारपीट की घटना पर बोले जयंत चौधरी-सत्ता के नशे में चूर भाजपा नेता..

Meerut: रालोद नेता ने कहा कि सीएम योगी को सोचना चाहिए कि यदि उनकी टीम में इस तरह के लोग हैं तो कहां है न्याय और कानून व्यवस्था? इस पर सीएम योगी को खुद ही एक्शन लेना चाहिए।

Report :  Sushil Kumar
Update: 2024-01-01 12:04 GMT

मेरठ नगर निगम सदन में मारपीट की घटना पर बोलते जयंत चौधरी (न्यूजट्रैक)

Meerut News: प्रदेश के मेरठ में नगर निगम की बोर्ड बैठक में मारपीट, हंगामा और बवाल मामले ने विपक्ष को एकजुट कर दिया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के बाद राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने जाहिदपुर पहुंचकर पार्षदों से मुलाकात की। इस दौरान मीडिया से बातचीत में जयंत चौधरी ने कहा कि इस मामले को सुनकर मैं अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए यहां आया हूँ। अभी भी पीड़ितों को धमकी दी जा रही है, लेकिन वह अडिग हैं और मैं इनके साथ खुद इनकी लड़ाई में हूँ। जो पंचायत होगी तो मैं उसमें भी शामिल रहूंगा। सरकारी एजेंसी का दुरुपयोग पूरे देश में हो रहा है, और इस मामले में भी हुआ।

जयंत के साथ उनकी पार्टी के नेताओं के अलावा समाजवादी पार्टी के विधायक अतुल प्रधान भी मौजूद रहे। जयंत ने कहा कि कहा कि यूपी में सत्ता के नशे में चूर भाजपा नेताओं के घूंसे चलते हैं,न्याय का राज नहीं है। मीडिया से बातचीत में जयंत चौधरी ने इस मामले में स्थानीय पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि मारपीट किसने की। इसके बाद भी अज्ञात में मुकदमा दर्ज करना, साफ बता रहा है कि तहरीर में दबाव बनाया गया है।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रशासन और भाजपा की शायद यह सोच है कि पार्षद जो अनुसूचित जाति से आते हैं उन्हें दबा लेंगे। इसलिए अज्ञात में रिपोर्ट दर्ज की गई है। लेकिन मैं दलित वर्ग से कहता हूँ कि वह आर्थिक रूप से भले ही कमजोर हों, लेकिन सामाजिक रूप से उनकी सहभागिता बहुत ज्यादा है। वह अकेले नहीं है, उनके साथ सर्वसमाज और बुद्धिजीवी वर्ग के लोग हैं। हम इस दबाव को नहीं मानते हैं। जिनके चेहरे वीडियो में जगजाहिर हैं तो क्यों नहीं उन पर कार्रवाई हुई।

रालोद अध्यक्ष ने कहा कि यह भी अपने आप में दुखद है कि विधायक और मंत्री खुद मारपीट कर रहे हैं। जयंत चौधरी ने कहा कि वह सीएम योगी से भी पूछना चाहते हैं कि उनके विधायक और मंत्री के घूसे भारी हैं या फिर जनप्रतिनिधियों के अधिकार भारी हैं जिनके मुद्दे जनता से सीधे जुड़े हुए हैं। रालोद नेता ने कहा कि सीएम योगी को सोचना चाहिए कि यदि उनकी टीम में इस तरह के लोग हैं तो कहां है न्याय और कानून व्यवस्था? इस पर सीएम योगी को खुद ही एक्शन लेना चाहिए।

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