Meerut News: उम्मीदों के रनवे पर उतरने लगा ‘उड़ान’ का सपना, जानिए कब होगा हवाई अड्डे का प्रचालन प्रारंभ

Meerut News: मेरठ से हवाई उड़ान का सपना अब धरातल पर उतरने लगा है।

Update:2023-08-02 20:28 IST

Meerut News: मेरठ से हवाई उड़ान का सपना अब धरातल पर उतरने लगा है। मेरठ के बीजेपी सांसद राजेन्द्र अग्रवाल को भारत सरकार में नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मेरठ में हवाई अड्डे की वर्तमान स्थिति से अवगत कराते हुए बताया है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भूमि सम्बन्धी आवश्यकता पूरी किये जाते ही नागर विमानन मंत्रालय द्वारा मेरठ में हवाई अड्डे का प्रचालन प्रारंभ कर दिया जायेगा।

पहले 72 सीटर ATR हवाई जहाज उड़ाए जाएंगे

बीजेपी सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से आज दिल्ली में हुई मुलाकात की जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने आज नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से उनके कार्यालय में मुलाकात की। मेरठ में हवाई अड्डे की प्रगति के सम्बन्ध में चर्चा की। बीजेपी सांसद के अनुसार नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मेरठ में हवाई अड्डे की वर्तमान स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि हवाई अड्डे पर तुरंत प्रचालन प्रारंभ करने के लिए 32.5 एकड़ भूमि की तत्काल आवश्यकता है। 72 सीटर ATR हवाई जहाज उड़ाए जाने के लिए 300 एकड़ और जमीन की आवश्यकता होगी। भविष्य में बोईंग विमानों को उड़ाने के लिए अपेक्षित विस्तार की द्रष्टि से 200 एकड़ अतिरिक्त भूमि की भी आवश्यकता होगी। इस संबंध में 11-01-2023 को उत्तर प्रदेश के विशेष सचिव को पत्र लिखा गया था। हवाई अड्डे के प्रचालन एवं विस्तार के लिए अपेक्षित उपरोक्त भूमि के निकट ही गगोल तीर्थ के होने के कारण भूमि के सम्बन्ध में संशोधित भूमि अधिग्रहण प्लान दिनांक 05.04.2023 को उत्तर प्रदेश सरकार को भेजा जा चुका है। मंत्री ने आश्वस्त किया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भूमि सम्बन्धी आवश्यकता पूरी किये जाते ही नागर विमानन मंत्रालय द्वारा हवाई अड्डे का प्रचालन प्रारंभ कर दिया जायेगा।

2012 में मेरठ में हवाई अड्डे की घोषणा हुई थी

बता दें कि मेरठ के परतापुर में 1992 में मुख्यमंत्री मायावती द्वारा डा. भीमराव आंबेडकर हवाई पट्टी की नींव रखी गई थी। 2012 में नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह द्वारा मेरठ में हवाई अड्डे की घोषणा की गई। तब उन्होंने कहा था कि मेरठ हवाई पट्टी पर वह हैदराबाद व तमिलनाडु के होसुर की तरह 600 करोड़ की लागत से विमान रखरखाव, मरम्मत एवं ओवर हाल (एमआरओ) सेवा शुरू कराने के इच्छुक हैं, ताकि देश-विदेश से विमान यहां ठीक होने के लिए आएं। पूर्व में ऐसा ही एक प्रोजेक्ट महाराष्ट्र के हिस्से में जा चुका है। यदि यह प्रोजेक्ट मेरठ में लांच हुआ तो निश्चित रूप से यहां का जबरदस्त आर्थिक विकास होगा। 2014 में हवाई अड्डे के लिए 47 एकड़ की हवाई पट्टी 4 जुलाई को एएआइ को सौंपी गई। 13 दिसंबर 2014 में तय हुआ कि किसानों से 5800 के रेट पर जमीन खरीदी जाएगी। अप्रैल, 2015 में लखनऊ में हुई बैठक में घाटे का सौदा बताकर एएआइ ने फिलहाल प्रोजेक्ट होल्ड करने की बात कही। 2017 में उड़ान की संभावना तलाशने और डीपीआर के लिए मार्च में केरल की किटको कंपनी को जिम्मा सौंपा गया। 2018 में योगी सरकार ने मेरठ हवाई अड्डे का मास्टर प्लान मांगा। 2019 में उड़ान योजना में मेरठ शामिल हुआ। जिसके बाद जूम एयरलाइंस को मेरठ से उड़ान की जिम्मेदारी सौंपी गई।

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