Meerut News: एसएसपी का फरमान- काम से आएं पर गुलदस्ता न लाएं

Meerut News: 2012 बैच के आईपीएस विपिन टांडा ने मेरठ एसएसपी का चार्ज ग्रहण करने के बाद सबसे पहले एक फऱमान जारी करते हुए आगंतुकों के लिए अपने ऑफिस में नोटिस चस्पा करवाया।

Report :  Sushil Kumar
Update: 2024-06-27 09:08 GMT

मेरठ एसएसपी का फरमान- काम से आएं पर गुलदस्ता न लाएं (न्यूजट्रैक)

Meerut News: जिले के नए एसएसपी विपिन टांडा का नया फऱमान पुलिस महकमे के साथ ही शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। 2012 बैच के आईपीएस विपिन टांडा ने मेरठ एसएसपी का चार्ज ग्रहण करने के बाद सबसे पहले एक फऱमान जारी करते हुए आगंतुकों के लिए अपने ऑफिस में नोटिस चस्पा करवाया। जिसमें लिखा है-काम से आएं, लेकिन गुलदस्ता न लाएं। नोटिस में उन्होंने लिखा कि आप आएं उसके लिए आपका धन्यवाद। आपकी संवेदनायें ही पर्याप्त है। कृपया गुलदस्ता आदि ना लेकर आये। विपिन टांडा मेरठ से पहले सहारनपुर में तैनात थे। उससे पहले गोरखपुर और रामपुर समेत कई जनपदों के कप्तान रह चुके हैं।

मेरठ पहुंचने पर मीडिया से अपनी अनौपचारिक बातचीत में एसएसपी विपिन टांडा ने बताया कि जनपद में भयमुक्त महौल ही हमारी प्राथमिकता है। अपराध पर पूर्णतय से अंकुश लगाया जाएगा। ताकि लोग सुबह घरों से बेखौफ होकर निकले। शाम को सुरक्षित घर लौट जाए। बच्चों और महिलाओं के साथ अपराध को रोकने की विशेष प्राथमिकता रहेगी। भ्रष्टाचार को कदापि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विवेचनाओं में पूरी तरह से पारदर्शिता बर्ती जाएगी। उन्होंने कहा कि थानों में पहुंचने वाले प्रत्येक व्यक्ति की सुनवाई की जाएगी। फरियादियों से दुर्व्यहार करने वाले पुलिसकर्मियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सिलसिलेवार कार्रवाई शुरू होगी। इसकी मॉनीटरिंग खुद करते रहेंगे।


कौन हैं आईपीएस विपिन टांडा

यहां बता दें कि 2012 बैंच के आईपीएस विपिन टांडा के साइकिल पर गश्त करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्वीट करके उनकी तारीफ भी कर चुके हैं। मूल रूप से जोधपुर के राजस्थान के रहने वाले विपिन टांडा बागपत के पूर्व सांसद एवं मुंबई के पूर्व कमिश्नर सतपाल सिंह के दामाद हैं। विपिन टांडा डाक्टर बनना चाहते थे। एमबीबीएस करने के बाद राजस्थान के एक गांव में सरकारी अस्पताल में चिकित्साधिकारी बने। वहां आठ महीने तक रहे। नौकरी पर रहते हुए उनका 2011 में भारतीय पुलिस सेवा के लिए उनका सलेक्शन हो गया था और 2012 में आईपीएस अफसर बन गए।

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